नई दिल्ली: अमेरिका में एक और चिंताजनक बैंकिंग संकट देखने को मिल रहा है. अमेरिकी रेगुलेटर ने प्रमुख बैंकों में से एक सिलिकॉन वैली बैंक को ताला लगाने का आदेश दिया है. खबर के मुताबिक कैलिफोर्निया के डिपॉर्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल प्रोटेक्शन और इनोवेशन की तरफ से इस बैंक को बंद करने का आदेश मिला है. […]
नई दिल्ली: अमेरिका में एक और चिंताजनक बैंकिंग संकट देखने को मिल रहा है. अमेरिकी रेगुलेटर ने प्रमुख बैंकों में से एक सिलिकॉन वैली बैंक को ताला लगाने का आदेश दिया है. खबर के मुताबिक कैलिफोर्निया के डिपॉर्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल प्रोटेक्शन और इनोवेशन की तरफ से इस बैंक को बंद करने का आदेश मिला है.
बता दें कि, फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉपोरेशन को बैंक का रिसिवर घोषित किया है. वहीं इसे ग्राहकों के धन को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी भी दी गई है. इसी के चलते फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉपोरेशन ने एक टीम भी बनाई है. वहीं दूसरी और भारत में इस खबर के सामने आते ही, भारतीय निवेशकों और कंपनियों के संस्थापकों की चिंता काफी बढ़ गई है.
मिली जानकारी के मुताबिक, सिलिकॉन वैली बैंक अमेरिका का 16वां सबसे बड़ा बैंक है. बता दें, साल 2008 के वित्तीय संकट के बाद इतना बड़ा बैंक बंद हुआ है और इससे तकनीकी उद्योग को एक बड़ा झटका मिला है. इस बैंक के पास 209 अरब डॉलर की संपत्ति और 175.4 बिलियन डॉलर की जमा राशि मौजूद थी. दरअसल ये बैंक नए समय की टेक कंपनियों और वेंचर कैपिटल में निवेश वाली कंपनियों को वित्तीय सपोर्ट प्रदान करता था.
खबर के मुताबिक, अमेरिका के सिलिकॉन वैली बैंक की मूल कंपनी एसवीबी फाइनेंशियल ग्रुप के शेयरों में व्यापार बंद होने से पहले लगभग 70 फीसदी की गिरावट देखी गई. जिसके कारण अब इस बैंक को बंद करने का आदेश मिल चुका है.