अमेरिकी शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च बंद होने जा रही है। इसके संस्थापक एंडरसन ने कहा, "योजना यह थी कि हम जिन विचारों पर काम कर रहे थे, उन्हें पूरा करने के बाद इसे बंद कर दिया जाएगा। वह दिन आज है।"
नई दिल्ली। भारतीय कारोबारी गौतम अडानी के साम्राज्य को हिला देने वाली और उनकी कंपनियों को अरबों डॉलर का नुकसान कराने वाली अमेरिकी शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च बंद होने जा रही है। इसके संस्थापक नैट एंडरसन ने बुधवार को यह खुलासा किया। एंडरसन ने कहा कि फर्म चलाना “जीवन भर का रोमांच” रहा है।
एंडरसन ने कहा, “योजना यह थी कि हम जिन विचारों पर काम कर रहे थे, उन्हें पूरा करने के बाद इसे बंद कर दिया जाएगा। वह दिन आज है।”
हिंडनबर्ग रिसर्च की स्थापना 2017 में हुई थी। इसने उद्योगों में धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन को उजागर करने के लिए अपना नाम बनाया। इस बारे में एंडरसन ने कहा, “हमने कुछ ऐसे साम्राज्यों को हिला दिया, जिन्हें हिलाने की जरूरत थी।”
25 जनवरी, 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह के खिलाफ एक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में अडानी समूह पर वित्तीय धोखाधड़ी और स्टॉक मूल्य में हेरफेर का आरोप लगाया गया। इस रिपोर्ट ने पूरे देश में हलचल मचा दी।
अडानी एंटरप्राइजेज 20,000 करोड़ रुपये का एफपीओ (फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर) लॉन्च करने वाला था। उससे कुछ दिन पहले ही यह रिपोर्ट जारी की गई थी। आरोप लगाया गया था कि सेबी ने अडानी समूह के लेन-देन की जांच शुरू की थी, लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण यह जांच डेढ़ साल से अधिक समय से रुकी हुई है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने रिपोर्ट को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला। इसकी गूंज सड़क से लेकर संसद तक सुनाई दी।
अडानी समूह ने हिंडनबर्ग के आरोपों का खंडन करते हुए उन्हें “निराधार” बताया और कहा कि हिंडनबर्ग के खिलाफ इस तरह के आरोप उनके शेयर की कीमतों को कम करने के लिए लगाए गए हैं। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने अडानी समूह को बड़ा नुकसान पहुंचाया। 24 फरवरी 2023 तक अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में 59% की गिरावट आ चुकी थी। इससे कंपनी के बाजार मूल्य से अरबों डॉलर का नुकसान हुआ।
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