नई दिल्ली. इन दिनों भूकंप की खबरें कुछ ज्यादा देखने को मिल रही है, ऐसे में कहा जा रहा है कि इन लगातार आ रहे भूकंपों के चलते रूस का शिवेलुच ज्वालामुखी कभी भी फट सकता है. बता दें शिवेलुच ज्वालामुखी रूस के सुदूर उत्तर-पूर्वी इलाके में है. यह कामचाटका प्रायद्वीप पर मौजूद है, इस […]
नई दिल्ली. इन दिनों भूकंप की खबरें कुछ ज्यादा देखने को मिल रही है, ऐसे में कहा जा रहा है कि इन लगातार आ रहे भूकंपों के चलते रूस का शिवेलुच ज्वालामुखी कभी भी फट सकता है. बता दें शिवेलुच ज्वालामुखी रूस के सुदूर उत्तर-पूर्वी इलाके में है. यह कामचाटका प्रायद्वीप पर मौजूद है, इस प्रायद्वीप पर कुल 29 एक्टिव ज्वालामुखी है, खास बात ये है कि ये इलाका रिंग ऑफ फायर ने करीब है.
रिंग्स ऑफ़ फायर में लगातार भूकंप आते रहते हैं, इसके अलावा इन दिनों चीन और हिमालयी बेल्ट में भी लगातार भूकंप आ रहे हैं, ऐसे में वैज्ञानिकों का कहना है कि इन लगातार आ रहे भूकंपों के चलते रूस का शिवेलुच ज्वालामुखी कभी भी फट सकता है. ये ज्वालामुखी 15 साल से शांत था. बता दें शिवेलुच ज्वालामुखी और उसके आसपास का इलाका पूरी तरह से जंगल और टुंड्रा से भरा हुआ है.
कामचाटका प्रायद्वीप में बहुत कम संख्या में लोग रहते हैं, इसलिए यहां किसी भी ज्वालामुखी के फटने से किसी को कोई खतरा नहीं है, दरअसल, सिर्फ शिवेलुच ज्वालामुखी ही नहीं, बल्कि बाकी 29 ज्वालामुखियों के आसपास भी कोई नहीं रहता है, ये सब सुदूर इलाकों में हैं.
भले ही इन इलाकों में कोई नहीं रहता है लेकिन डर इस बात का है अगर यह फटा तो भारी मात्रा में राख, ग्लास और पत्थर आसमान में फ़ैल जाएंगे. जिसकी वजह से उड़ानों को दिक्कत हो सकती है और ऐसे में हवाई सेवाएं रोकनी पड़ सकती हैं. USGS के मुताबिक कामचाटका इलाके में अक्सर ऐसे ज्वालामुखी फटते हैं, जो भूकंप से ही प्रभावित होते हैं ऐसे में हवाई सेवा को बदलना पड़ता है.
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