नई दिल्ली। सीरिया में बशर-अल-असद सरकार की विदाई हो चुकी है। यहां पर अब विद्रोही गुटों के हाथों में देश की कमान आ चुकी है। लंबे वक्त से गृह-युद्ध झेल रहे सीरिया में यह सत्ता-परिवर्तन पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बीच मुस्लिम देश ट्यूनीशिया की महिलाएं चर्चा में आ गई हैं।
बता दें कि सीरिया में जब विद्रोही लड़ाके असद सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ था, उस वक्त ट्यूनीशिया के महिलाओं ने सीरिया पहुंचकर जिहाद अल-निकाह किया। इस दौरान उन्होंने 20-30 जिहादियों के साथ शारीरिक संबंध बनाया और गर्भवती होकर वापस ट्यूनीशिया लौटीं।
जिहाद अल-निकाह एक इस्लामिक अवधारणा है। इसके तहत कोई मुस्लिम महिला अपनी मर्जी से विवाहेत्तर शारीरिक संबंध बना सकती है। कई सुन्नी मुस्लिम संगठन जिहाद अल-निकाह का समर्थन करते हैं। उनका मानना है कि यह तरीका जिहाद के लिए न्यायोचित है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
गौरतलब है कि सीरिया लगभग-लगभग विद्रोहियों के हाथ में जा चुका है। राजधानी दमिश्क के साथ ही सीरिया के चार बड़े शहर-अलेप्पो, हमा, दारा और होम्स विद्रोहियों के कब्जे हैं। इसके अलावा बाकी अन्य शहरों के भी जल्द ही विद्रोहियों के कब्जे में आने की संभावना है। हालांकि, अभी कुछ हिस्सों में सेना ने अपना कब्जा बनाया हुआ है।
राष्ट्रपति असद के बारे में संभावना जताई जा रही है कि वह सीरिया छोड़कर रूस जा चुके हैं। हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं है लेकिन रूस के साथ असद के करीबी रिश्ते को देखते हुए यह दावा किया जा रहा है कि वह वहीं गए होंगे। मालूम हो कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और असद की अच्छी दोस्ती है। सीरिया में जब गृह युद्ध की शुरूआत हुई थी, उस वक्त रूसी राष्ट्रपति ने खुलकर असद सरकार की मदद की थी।
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