नई दिल्ली: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. पहले उन्हें हिंसा के बाद प्रधानमंत्री पद से हटना पड़ा, इसके बाद भागकर भारत आईं और अब हत्या का मामला दर्ज किया गया है. शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश में हत्या का केस दर्ज कराया गया है. इसमें उनके 6 नजदीकी […]
नई दिल्ली: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. पहले उन्हें हिंसा के बाद प्रधानमंत्री पद से हटना पड़ा, इसके बाद भागकर भारत आईं और अब हत्या का मामला दर्ज किया गया है. शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश में हत्या का केस दर्ज कराया गया है. इसमें उनके 6 नजदीकी अफसर हैं. इसके साथ ही शेख हसीना के पिता और दादा से जुड़ी विरासत को भी खत्म करने की कोशिश की जा रही है. नई सरकार उन संस्थानों के नाम बदलने जा रही है जो हसीना के पिता शेख मुजीबुर्रहमान और दादा शेख लुतफार रहमान के नाम पर हैं.
बांग्लादेश की एक अखबार के लिखा गया है कि दुकान के मालिक अबू सईद के रिश्तेदार ने यह मामला दर्ज कराया है. अबू सईद आरक्षण आंदोलन में शामिल हुए थे. 19 जुलाई को जुलुस के दौरान पुलिस की तरफ से की गई फायरिंग में उनकी जान चली गई. अब उनके परिजनों ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना समेत उनके नजदीकी अफसरों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है. इसमें अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल , पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल मामून समेत कई बड़े नाम है। मालूम हो कि शेख हसीना को हत्यारी कहकर फांसी देने की मांग की गई है.
बता दें कि बांग्लादेश महीनों तक आरक्षण की आग में जला. इस हिंसक आंदोलन में 500 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. प्रदर्शनकारी शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर अड़े हुए थे. इसी कड़ी में वो बड़ी संख्या में राजधानी ढाका की सड़कों पर उतर गए. मजबूरन शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा और वो जान बचाते हुए देश छोड़कर भागीं. इसके बाद प्रदर्शनकारी ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भी इस्तीफा देने को मजबूर कर दिया.
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