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शेख हसीना को जाना पड़ सकता है जेल, गुनाहों की पोटली कर रखी तैयार, क्या बचा पाएगा भारत?

फिलहाल भारत सरकार की ओर से इस बारे में कोई जवाब नहीं दिया गया है. लेकिन प्रत्यर्पणीय आपराधिक मामलों को लेकर 2013 में भारत और बांग्लादेश के बीच हुई संधि पर नजर डालें। तो भारत सरकार शेख हसीना को वापस बांग्लादेश भेज सकती है. अगर शेख हसीना बांग्लादेश गईं तो उनका क्या होगा? इस संबंध में बांग्लादेश के कानून क्या हैं?

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Sheikh Hasina may have to go to jail she has a bundle of crimes ready will India be able to save her
  • December 24, 2024 3:20 pm Asia/KolkataIST, Updated 14 hours ago

नई दिल्ली: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना 5 अगस्त 2024 को भारत आईं। तब से वह भारत में ही रह रही हैं. बांग्लादेश की बात करें तो फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है. बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार देश की बागडोर संभाल रही है. इस बीच बांग्लादेश सरकार की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर भारत सरकार को पत्र लिखा गया है.

संधि पर नजर डालें

फिलहाल भारत सरकार की ओर से इस बारे में कोई जवाब नहीं दिया गया है. लेकिन प्रत्यर्पणीय आपराधिक मामलों को लेकर 2013 में भारत और बांग्लादेश के बीच हुई संधि पर नजर डालें। तो भारत सरकार शेख हसीना को वापस बांग्लादेश भेज सकती है. अगर शेख हसीना बांग्लादेश गईं तो उनका क्या होगा? इस संबंध में बांग्लादेश के कानून क्या हैं? आइए हम आपको बताते हैं. ग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश में कुल 51 कानूनी मामले दर्ज हैं। इनमें से 42 मामले हत्या के हैं. जो काफी गंभीर हैं. ऐसे में अगर शेख हसीना बांग्लादेश लौटती हैं. इसलिए उनके खिलाफ दर्ज मामलों में कार्रवाई की जा सकती है. वहीं मामलों की गंभीरता को देखते हुए बांग्लादेश सरकार उन्हें जेल भी भेज सकती है.

अपराध पर कड़ी सज़ा

शेख हसीना पर 42 हत्या के मामले दर्ज हैं. ऐसे में अगर बांग्लादेशी कानून पर नजर डालें तो यह उनके लिए काफी मुश्किल हो सकता है. बांग्लादेश में हत्या के अपराध पर कड़ी सज़ा का प्रावधान है. बांग्लादेश दंड संहिता, 1860 के तहत हत्या के अपराध के लिए मौत की सज़ा भी दी जा सकती है. तो इसके साथ ही उम्रकैद और जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

2016 में संशोधन किया

वहीं भारत और बांग्लादेश के बीच साल 2013 में प्रत्यर्पण संधि को लेकर समझौता हुआ था. जिसमें साल 2016 में संशोधन किया गया. इस संधि के तहत अगर किसी व्यक्ति का अपराध राजनीतिक प्रकृति का है तो कोई भी देश प्रत्यर्पण से इनकार कर सकता है. लेकिन संधि के मुताबिक हत्या जैसे अपराध को राजनीतिक अपराध में नहीं गिना जाएगा. आपको बता दें कि शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद उनके खिलाफ कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं. अब देखना होगा कि भारत सरकार इस पर क्या फैसला लेती है.

 

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