नई दिल्ली: बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर भारत आईं शेख हसीना अभी दिल्ली में हैं. बताया जा रहा है कि वह यूएई या सऊदी अरब जा सकती हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लंदन में पनाह न मिलने पर वे फिनलैंड या मिडिल ईस्ट के देशों जैसे- UAE और सऊदी […]
नई दिल्ली: बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर भारत आईं शेख हसीना अभी दिल्ली में हैं. बताया जा रहा है कि वह यूएई या सऊदी अरब जा सकती हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लंदन में पनाह न मिलने पर वे फिनलैंड या मिडिल ईस्ट के देशों जैसे- UAE और सऊदी अरब से शरण मांग सकती हैं. उधर, बांग्लादेश में हसीना के जाने के बाद भी अशांति का माहौल है. देश के अलग-अलग हिस्सों से हिंसा, आगजनी और लूटपाट की खबरें आ रही हैं.
कई मीडिया रिपोर्ट्स के दावा कर रही हैं कि हिंसक प्रदर्शन की वजह से बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को करीब 75, 000 करोड़ टका (54 हजार करोड़ भारतीय रुपए) का नुकसान हुआ है. बांग्लादेश में आंदोलनकारी छात्र और उनके नेता देश को हुए नुकसान के लिए शेख हसीना को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. उनका कहना है कि शेख हसीना के तानाशाही रवैये की वजह से जनता को सड़कों पर उतरना पड़ा, फिर आंदोलन हिंसक हुआ और उससे देश की अर्थव्यवस्था को इतना बड़ा नुकसान हुआ.
गौरतलब है कि सवाल उठ रहा है कि बांग्लादेश में आरक्षण के विरोध में शुरू हुए इस प्रदर्शन ने इतना व्यापक रूप कैसे ले लिया कि प्रधानमंत्री हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा. कुछ लोग इसके पीछे विदेशी ताकतों के होने की बात कर रहे हैं. उनका कहना है कि अमेरिका ने अपनी खुफिया एजेंसी CIA के जरिए हसीना सरकार का तख्तापलट कराया है.
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