Myanmar-Bangkok Earthquake : म्यांमार और थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में 28 मार्च 2025, शुक्रवार को आए भीषण भूकंप ने तबाही का ऐसा मंजर रचा कि लोग आज भी खौफ में हैं. रिक्टर स्केल पर 7.7 और 7.2 की तीव्रता वाले इन झटकों ने कई इमारतों को मलबे में बदल दिया. म्यांमार में 144 लोगों की जान चली गई. जबकि बैंकॉक में भी भारी नुकसान की खबरें हैं. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप का केंद्र म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मंडाले के पास था. म्यांमार की सेना ने अगले छह घंटों तक आफ्टरशॉक की चेतावनी दी है और सगाइंग, मंडाले, मेगवे, शान राज्य के उत्तर-पूर्वी हिस्से, बागो और नेपिडॉ में आपातकाल घोषित कर दिया है.

म्यांमार में तबाही का आंखों देखा हाल

भूकंप के बाद म्यांमार के मंडाले, सगाइंग और शान राज्य के दक्षिणी इलाकों में होटल, पुल, नर्सरी स्कूल और अपार्टमेंट जैसी इमारतें ढह गईं. यांगून-मंडाले हाईवे का पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया. जिससे सड़कों पर गाड़ियां फंस गईं. यांगून की रहने वाली सिरिन्या नकुटा ने रॉयटर्स को बताया, ‘मैं अपने बच्चों के साथ अपार्टमेंट में थी. अचानक झटके शुरू हुए और लगातार बढ़ते गए. फिर पत्थरों जैसे भारी सामान के गिरने की आवाज सुनाई दी. मैं डर गई और बच्चों को लेकर तुरंत बाहर भागी.’ उनका कहना था कि यह सब कुछ सेकंडों में हुआ और बाहर का मंजर देखकर उनकी सांसें थम गईं.

मंडाले में एक चश्मदीद ने कहा ‘चार मिनट तक झटके इतने तेज थे कि लगा सब कुछ खत्म हो जाएगा. इमारतें हिल रही थीं और सड़कों पर दरारें पड़ गईं.’ सगाइंग में राहत कार्यों में जुटे एक अधिकारी ने बताया कि कई लोग मलबे में दबे हो सकते हैं.

बैंकॉक में डर और अफरा-तफरी का माहौल

बैंकॉक में भी भूकंप ने कहर बरपाया. वहां की रहने वाली जुजाना वारी-कोवाक्स ने बीबीसी को अपनी आपबीती सुनाई, ‘मैं रेस्टोरेंट में खाने का इंतजार कर रही थी. अचानक जमीन कांपने लगी. लोग चीखते हुए भागने लगे. मैं भी बाहर की ओर दौड़ी. बाहर देखा तो सब कुछ अस्त-व्यस्त था.’ एक अन्य नागरिक डेबोराह पुनमाचेट ने कहा ‘मैं रिक्लाइनर चेयर पर बैठी थी. अचानक चेयर पलट गई. मुझे भूकंप का अहसास हुआ तो तुरंत बाहर भागी. सड़कों पर लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे.’
बैंग सू जिले के उप पुलिस प्रमुख वोरापट सुखथाई ने AFP को बताया ‘जब मैं घटनास्थल पर पहुंचा तो लोगों की चीखें सुनाई दीं. यह बेहद डरावना था. इमारतें ढह चुकी थीं और मलबा बिखरा पड़ा था.’

राहत और बचाव कार्य जारी

म्यांमार और बैंकॉक दोनों जगह राहत कार्य तेजी से चल रहे हैं. म्यांमार की सेना ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है क्योंकि आफ्टरशॉक का खतरा अभी टला नहीं है. सड़कों, पुलों और इमारतों को हुए नुकसान ने बचाव कार्यों को मुश्किल बना दिया है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की पेशकश भी शुरू हो गई है.

इस भूकंप ने म्यांमार और बैंकॉक के लोगों के लिए एक भयावह याद छोड़ दी है. चश्मदीदों की आपबीती से साफ है कि यह आपदा कितनी भयानक थी. अब सबकी नजर इस बात पर है कि हालात कब सामान्य होंगे और कितने लोग इस त्रासदी से सुरक्षित बाहर निकल पाएंगे.

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