नई दिल्ली: बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद इस्लामिक कट्टरपंथियों का अत्याचार सह रहे हिंदुओं अब सड़क उतर आए हैं. उनके सब्र का बांध टूट गया है. बीते दिनों बांग्लादेश के चटगांव में करीब 7 लाख हिंदू जुटे और उन्होंने अपना विरोध दर्ज कराया. इस दौरान अल्पसंख्यक हिंदुओं ने अपनी सुरक्षा और […]
नई दिल्ली: बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद इस्लामिक कट्टरपंथियों का अत्याचार सह रहे हिंदुओं अब सड़क उतर आए हैं. उनके सब्र का बांध टूट गया है. बीते दिनों बांग्लादेश के चटगांव में करीब 7 लाख हिंदू जुटे और उन्होंने अपना विरोध दर्ज कराया. इस दौरान अल्पसंख्यक हिंदुओं ने अपनी सुरक्षा और देश में बराबरी का अधिकार दिए जाने की मांग की.
इतनी बड़ी संख्या में हिंदुओं के जुटने से देश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस के पैरों तले जमीन खिसक गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने अपने गृह मंत्री के जरिए बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समाज यानी हिंदुओं से माफी मंगवाई है.
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार का तख्तापलट वहां के अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के लिए किसी बुरे सपने की तरह साबित हुआ है. आरक्षण के विरोध में शुरू हुए छात्र आंदोलन ने प्रधानमंत्री हसीना को सत्ता से तो उखाड़ फेंक दिया लेकिन अब यह अल्पसंख्यक विरोधी आंदोलन बन गया है. अब इस आंदोलन की कमान छात्रों की जगह इस्लामिक कट्टरपंथियों के हाथ में आ गई है.
इस्लामी कट्टरपंथी पूरे देश में अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं. उनके घर जला रहे हैं, उनकी दुकानों को लूट रहे हैं. उनकी निर्मम तरीके से हत्या कर रहे हैं और फिर जश्न मना रहे हैं.
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