SCO Summit: नई दिल्ली। उज्बेकिस्तान के समरंकद में आयोजित शंघाई सहयोग सगंठन के शिखर सम्मेलन कल समाप्त हो गया। इस दो दिवसीय सम्मेलन में एससीओ सदस्य देशों के नेताओं ने हिस्सा लिया। बैठक के दूसरे दिन शुक्रवार को वाराणसी को पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर चुना गया। जिसके बाद उत्तर प्रदेश की धार्मिक […]
नई दिल्ली। उज्बेकिस्तान के समरंकद में आयोजित शंघाई सहयोग सगंठन के शिखर सम्मेलन कल समाप्त हो गया। इस दो दिवसीय सम्मेलन में एससीओ सदस्य देशों के नेताओं ने हिस्सा लिया। बैठक के दूसरे दिन शुक्रवार को वाराणसी को पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर चुना गया। जिसके बाद उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी अब एससीओ देशों की पहली राजधानी बन गई है। काशी साल 2022-23 के लिए एससीओ पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी रहेगी।
बता दें कि, वाराणसी को शंघाई सहयोग संगठन की पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी बनने के बाद वहां पर पर्यटन, सांस्कृतिक गतिविधियां बढ़ेंगी। इसके सगंठन के सभी सदस्य देशों के बीच प्राचीन सभ्यतागत लिंक रेखांकित होंगे। 2022-2023 के दौरान वाराणसी में कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें सभी सदस्य देशों को आमंत्रित किया जाएगा।
बता दें कि, पीएम मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में कहा कि हम भारत को एक विनिर्माण हब बनाने की ओर आगे बढ़ रहे हैं। इस साल भारत की अर्थव्यवस्था में 7.5% की वृद्धि की उम्मीद है जो इस वक्त विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा है। हम देश में जन-केंद्रित विकास मॉडल पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि एससीओ के सदस्य देश, वैश्विक अर्थव्यवस्था में करीब 30 प्रतिशत का योगदान देते हैं। विश्व की 40 प्रतिशत जनता भी इन्हीं देशों में निवास करती है। भारत शंघाई सहयोग संगठन के सभी सदस्यों के बीच अधिक सहयोग और आपसी विश्वास का समर्थन करता है।
समरकंद में एससीओ शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम हर क्षेत्र में नवाचार का समर्थन कर रहे हैं। आज भारत में 70,000 से ज्यागा स्टार्ट-अप हैं, जिनमें 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं। हम स्टार्टअप्स और इनोवेशन पर एक स्पेशल वर्किंग ग्रुप की स्थापना कर शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के बीच अपना अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि अप्रैल 2022 में भारत के गुजरात राज्य में डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन का उद्घाटन किया गया। ये पारंपरिक चिकित्सा के लिए एकमात्र वैश्विक केंद्र है। एससीओ देशों के बीच हमे पारंपरिक औषधि पर सहयोग को और बढ़ाना चाहिए। इसके लिए भारत नए एससीओ ग्रुप की पहल करेगा।
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