नई दिल्ली: अंतरिक्ष के सबसे गहरे और अब तक अंधेरे में छिपे राज यानी डार्क मैटर को जल्द ही दुनिया 3,200 मेगापिक्सल के रिज़ॉल्यूशन पर देख पाएगी. साइंटिस्ट एक नए और पावरफुल उपकरण एलएसएसटी कैमरे के माध्यम से ब्रह्मांड के महानतम रहस्यों को समझने जा रहे हैं. 3,200 मेगापिक्सल का यह विशाल डिजिटल कैमरा सारे […]
नई दिल्ली: अंतरिक्ष के सबसे गहरे और अब तक अंधेरे में छिपे राज यानी डार्क मैटर को जल्द ही दुनिया 3,200 मेगापिक्सल के रिज़ॉल्यूशन पर देख पाएगी. साइंटिस्ट एक नए और पावरफुल उपकरण एलएसएसटी कैमरे के माध्यम से ब्रह्मांड के महानतम रहस्यों को समझने जा रहे हैं. 3,200 मेगापिक्सल का यह विशाल डिजिटल कैमरा सारे रिकॉर्ड को तोड़ने वाला है. इसे ब्रह्मांड के अभूतपूर्व डिटेल्स को रिकॉर्ड करने और डार्क एनर्जी पर फ्लैश लाइट डालने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
अमेरिकी एनर्जी डिपार्टमेंट की तरफ से फंडेड एलएसएसटी कैमरा एस्ट्रोनॉमिकल टेक्नोलॉजी में एक महत्वपूर्ण छलांग लगाने वाला है. वैज्ञानिकों की टीम इसको लेकर दो दशकों से काम कर रही थी. ब्रह्मांड के ज्यादातर द्रव्यमान को शामिल करने और आकाशगंगाओं के घूमने को प्रभावित करने के बावजूद डार्क मैटर मौजूदा तमाम वैज्ञानिक उपकरणों के लिए छिपा हुआ ही रहता है।
ब्रह्मांड की हमारी समझ में क्रांति लाने के लिए एलएसएसटी कैमरा तैयार है. चिली के सुदूर क्षेत्र में बन रहे एलएसएसटी कैमरा को वेरा सी रुबिन ऑब्जर्वेटरी में रखा जाएगा. इसे अंतरिक्ष के दक्षिणी हिस्से पर लगातार नजर बनाए रखने के लिए तैयार किया गया है. इस हैवीवेट चैंपियन कैमरे का वजन तीन टन है, जो काफी विशाल है।
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