नई दिल्ली: सउदी अरब बिना किसी शर्त के किसी भी देश को लोन देता था, लेकिन अब किसी भी देश को लोन तभी देगा जब वो देश अपने आर्थिक स्थिति को सुधारने में खर्च करेगा। इस वक्त पाकिस्तान बहुत ही खराब आर्थिक स्थिति से गुजर रहा है. पाकिस्तान को हाल ही में करीबी दोस्त सउदी […]
नई दिल्ली: सउदी अरब बिना किसी शर्त के किसी भी देश को लोन देता था, लेकिन अब किसी भी देश को लोन तभी देगा जब वो देश अपने आर्थिक स्थिति को सुधारने में खर्च करेगा।
इस वक्त पाकिस्तान बहुत ही खराब आर्थिक स्थिति से गुजर रहा है. पाकिस्तान को हाल ही में करीबी दोस्त सउदी अरब ने अरबों डॉलर की मदद का ऐलान किया है. इसके बाद सउदी अरब ने स्विट्जरलैंड के दावोस में चल रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम 2023 में बताया कि अब से वो किसी भी देश को बिना किसी शर्त के लोन नहीं देगा. इस बात को सुनने के बाद पाकिस्तान को शायद झटका लगने वाला है।
सउदी अरब के वित्त मंत्री मोहम्मद अल-जादान ने बीते बुधवार को कहा कि देश की इकॉनमी को मजबूत करने के लिए हम ये कदम उठाने जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि हम देश के आर्थिक क्षेत्रों को देखते हुए यह निर्णय ले रहे हैं. सउदी अरब की तरफ से नियमों में किए गए बदलाव को बड़े रूप में देखा जा रहा है।
इससे पहले सउदी अरब बिना किसी शर्त के किसी भी देश को लोन दे देता था. लेकिन अब सउदी अरब किसी भी देश को लोन तभी देगा जब लोन लेने वाले देश अपनी आर्थिक हालत सुधारने में खर्च करेगा. सउदी अरब के वित्रमंत्री ने बताया कि हम कई फाइनेंसियल इंस्टिट्यूट के साथ मिलकर अपना काम कर रहे हैं. हमें लोन देने के मामले में सुधार लाने की आवश्यकता है. आपको बता दें कि सउदी अरब जिन देशों को सबसे अधिक सहायता करता है, उनमें पाकिस्तान, बहरीन और मिस्त्र शामिल हैं।।
कुछ दिनों पहले पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने कहा था कि इस समय पकिस्तान के ऊपर 100 अरब डॉलर का लोन है. पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 4 अरब डॉलर रह गया है. इस दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हर पड़ोसी देश से कर्ज मांग रहे हैं।
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