नई दिल्ली, इन दिनों फिर पाकिस्तान के आर्थिक संकट के चर्चे तेज हैं. जहां अब एक बार फिर सऊदी अरब, पाकिस्तान की मदद करने और उसे बड़ी रियायत देने की तैयारी में है. जहां सऊदी अरब जल्द ही पाकिस्तान को दिए तीन अरब डॉलर के कर्ज़े को चुकाने की समय सीमा बढ़ाने का ऐलान कर सकता है.
इस समय पाकिस्तान तंगहाली का सामना कर रहा है. जहां पाकिस्तान ने पिछले हफ्ते विदेशी मुद्रा बचाने के लिए सभी ग़ैर-ज़रूरी लग्ज़री सामानों के आयात पर पाबंदी लगा दी थी. इस समय सऊदी अरब के विदेश मंत्री मोहम्मद अल-जदान ने पाकिस्तान को बड़ी राहत देने की बात कही है. बता दें, सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने इस बात का ऐलान एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए किया है. जहां उन्होंने बताया कि “हम फ़िलहाल पाकिस्तान को दिए तीन अरब डॉलर के डिपॉज़िट की मियाद को बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं.”
बीते साल सऊदी अरब ने स्टेट बैंक ऑफ़ पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने के लिए मदद की थी. जहां सऊदी की ओर से तीन अरब डॉलर डिपॉज़िट किए गए थे. इस मामले पर जदान ने पाकिस्तान के लिए अपना सहयोग जाहिर करते हुए भी बताया था कि पाकिस्तान उनका अहम सहयोगी है और सऊदी हमेशा उसके पीछे मदद के लिए खड़ा रहेगा. फिलहाल पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई, विदेशी मुद्रा भंडार घटने और गिरती मुद्रा की कीमत को देख कर यह अंदाज़ा तो लगाया ही जा सकता है कि देश को इस समय आर्थिक सहयोग की आवश्यकता है. ऐसे में अगर सऊदी अरब इस तीन अरब डॉलर के कर्ज़े को चुकाने की समय सीमा बढ़ता है तो यह पाकिस्तान के लिए बड़ी राहत होगी.
इस समय पाकिस्तान ने अपने आयात कम करने और विदेशी मुद्रा बचाने के लिए सभी ग़ैर-ज़रूरी लग्ज़री सामानों के आयात पर पाबंदी लगा दी है. पाकिस्तान में इस स्थिति को आर्थिक आपातकाल के रूप में कहा जा रहा है. इतना ही नहीं पाकिस्तान का चालू खाता घाटा भी 17 अरब डॉलर से ज़्यादा हो चुका है. बता दें, इस समय पाकिस्तान में केवल 16 अरब डॉलर तक विदेशी मुद्रा भंडार है देश में अब मुद्रा रुपया भी एक डॉलर की तुलना में 200 रुपए तक जा चुका है.
इस कड़ी में पाकिस्तान की सूचना और प्रसारण मंत्री मरियम औरंगज़ेब ने पत्रकारों से बताया है कि ‘जिन लग्ज़री सामानों के आयात पर पाबंदी लगाई गई है, उनका इस्तेमाल बहुत ही कम लोगों के बीच होता है.’ यह समस्या संकट के रूप में दिखाई इसलिए भी पड़ रही है क्योंकि पिछले दिनों पाकिस्तान के वित्तीय मामलों की जांच करने वाली एजेंसी फ़ेडरल बोर्ड ऑफ़ रेवेन्यू यानी एफ़बीआर के पूर्व चेयरमैन सैयद शब्बर ज़ैदी ने ट्वीट किया था. उनके ट्वीट में इस बात का ज़िक्र है कि ‘पाकिस्तान की हालत श्रीलंका से अलग नहीं है.’
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