यूट्यूब नई दिल्ली, रूस द्वारा यूक्रेन पर किये गए हमले का असर अब उसके आधिकारिक यूट्यूब प्लेटफार्म पर भी देखने को मिल रहा है. जहां अब रूस का यूट्यूब चैनल ड्यूमा ब्लॉक कर दिया गया है. यूट्यूब भी करेगा प्रतिबंधों का सामना रूस के सरकारी यूट्यूब चैनल ड्यूमा को अब अमेरिकी सोशल वीडियो प्लेटफार्म यूट्यूब […]
नई दिल्ली, रूस द्वारा यूक्रेन पर किये गए हमले का असर अब उसके आधिकारिक यूट्यूब प्लेटफार्म पर भी देखने को मिल रहा है. जहां अब रूस का यूट्यूब चैनल ड्यूमा ब्लॉक कर दिया गया है.
रूस के सरकारी यूट्यूब चैनल ड्यूमा को अब अमेरिकी सोशल वीडियो प्लेटफार्म यूट्यूब द्वारा ब्लॉक किया जा चुका है. अब रूस का ये चैनल यूट्यूब पर उपलब्ध नहीं होगा. जानकारी के मुताबिक यूट्यूब ने इस बार की जानकारी शनिवार को दी है. जिसके मुताबिक यूट्यूब की सेवा की शर्तों के उलंघन को देखते हुए ये चैनल बंद किया गया है. लेकिन इस बारे में रूस का कुछ और ही रवैया है. उनका मानना है कि यूट्यूब का ये कदम पश्चिमी देशों की ओर से रूस के खिलाफ शुरू इन्फॉर्मेशन वॉर का हिस्सा है.
रूस के कम्युनिकेशंस रेगुलेटर ने इस मामले में बताया कि अमेरिकी आईटी कंपनी (यूट्यूब) भी उसी रास्ते पर चल रही है जिसे पश्चिमी देशों ने रूस के खिलाफ शुरु किया है. आपको बता दें यहां रूस का सीधा सीधा इशारा इन्फॉर्मेशन युद्ध की ओर है. यूट्यूब के इस कदम पर रूस के अधिकारीयों का कहना है कि यूट्यूब को भी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है.
इस मामले में गूगल ने रॉयटर्स को जवाब दिया है. जहां रॉयटर्स ने ही इस खबर को सबसे पहले बताया था, गूगल लिखता है, कंपनी अपनी शर्तों के उलंघन की करवाई करती है. अगर किसी अक्सोत्न के द्वारा सेवा की शर्तों का उलंघन करते पाया जाता है तो उसपर उचित कार्रवाई की जाती है. आगे गूगल ने लिखा, उनकी टीमें किसी भी डिटेल पर बारीकी से निगरानी रख रही हैं. बता दें यूट्यूब एक अमेरिकी कंपनी है और यूक्रेन-रूस के इस युद्ध में अमेरिका यूक्रेन के साथ खड़ा है.
यूक्रेन के नागरिकों के लिए हालात बद से बद्तर होते जा रहे हैं. रोज स्थितियां बिगड़ती नज़र आ रही है. इसी बीच कई दौर की बातचीत भी इस युद्ध को रोकने में असफल रही है. पूरी दुनिया चिंतित है और इस युद्ध का असर देख रही है. महंगाई इस समय अपने सबसे भयावह दौर में है. कई देशों में आर्थिक संकट है. वैश्विक रूप से रूस पर आर्थिक प्रतिबंध ने तेल और अनाज की पूर्ति को लेकर पूरे विश्व के सामने एक सवाल खड़ा कर दिया है. ये चिंताएं तब और बढ़ जाती हैं जब इस युद्ध का अंत निकलता नज़र नहीं आता. युद्ध से यूक्रेन की एक बड़ी आबादी इस समय शरणार्थी हो चुकी है.