नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने ऐतिहासिक जीत हासिल कर ली है. दुनियाभर के नेताओं ने उन्हें बधाई दी है। इसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू समेत तमाम बड़े नेता शामिल हैं। सबकी नजरें रूस पर थी लेकिन वहां के राष्ट्रपति पुतिन ने ट्रंप को बधाई नहीं दी है. इसके बाद सवाल उठ रहे हैं कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने डोनाल्ड ट्रंप को बधाई क्यों नहीं दी?
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप को उनकी जीत पर बधाई देते हुए भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई। पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, डोनाल्ड ट्रंप को उनकी ऐतिहासिक जीत पर बधाई। हम साथ मिलकर वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ाने का कार्य करेंगे।
वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने भी ट्रंप को बधाई देते हुए उनके साथ मिलकर यूक्रेन की रक्षा में सहयोग की उम्मीद जताई। जेलेंस्की ने एक्स पर पोस्ट करते हुए ट्रंप के ‘शक्ति के दम पर शांति’ वाले सिद्धांत का समर्थन किया और सितंबर में ट्रंप से हुई बैठक को याद किया। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने यूक्रेन-अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी और रूसी आक्रामकता को रोकने के उपायों पर चर्चा की थी। इसके साथ ही जेलेंस्की ने अमेरिका जाकर ट्रंप से व्यक्तिगत रूप से मिलने की इच्छा भी जताई।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया को बधाई देते हुए व्हाइट हाउस में उनकी वापसी को अमेरिका और इजरायल के बीच मजबूत संबंधों का प्रतीक बताया है। नेतन्याहू ने इसे एक बड़ी जीत के रूप में सराहा। इसके अलावा फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी ट्रंप को बधाई देते हुए उनके पिछले कार्यकाल में किए गए सहयोग को याद किया। इसके साथ ही उन्होंने भविष्य में आपसी सम्मान और लोगों की महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए मिलकर काम करने की इच्छा व्यक्त की है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने डोनाल्ड ट्रंप को जीत की बधाई नहीं दी. हालांकि प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने ट्रंप को बधाई जरूर दी है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बधाई ना देने का कारण स्पष्ट तौर पर तो नहीं बताया लेकिन कहा कि रूस सावधानीपूर्वक परिस्थितियों का आकलन कर रहा है. ट्रंप की नीतियों के आधार पर ही रूस भविष्य की रणनीति तैयार करेगा। इस बात ये साफ जाहिर होता है कि पहले व्लादिमीर पुतिन ट्रंप की नीतियों को देखना चाहते है, जिसके बाद ही वह कोई कदम बढ़ाएंगे। देखना ये होगा कि भविष्य में रूस और अमेरिका के संबंध क्या रूख अख्तियार करते हैं.
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