Russian Coronavirus Vaccine: रूस के एक अधिकारी ने दावा किया है कि उनकी वैक्सीन जिस भी मरीज को दी जाएगी वो कम से कम दो साल तक कोरोना से मुक्त रहेगा, यानी उसको कोरोना नहीं हो सकेगा. रूसी न्यूज एजेंसी टीएसएसएस के अनुसार, गामालेया अनुसंधान केंद्र के निदेशक अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने कहा है कि रूस की कोरोना वैक्सीन का असर सिर्फ छह महीने या सालभर तक के लिए नहीं होगा, बल्कि यह दो साल तक असर करेगी और वायरस को दूर रखेगी.
नई दिल्ली: दुनियाभर में सबसे पहले रूस ने कोरोना की वैक्सीन बना ली है. इस दवा का नाम स्पूतनिक वी रखा गया है. रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के मुताबिक ये दवा पूरी तरह सुरक्षित और असरदार है. हालांकि दुनिया के कई एक्सपर्ट्स इसके पूरी तरह से सुरक्षित होने के दावे पर सवाल खड़े कर रहे है. पिछले सप्ताह जहां डब्लूएचओ ने वैक्सीन की जल्दबाजी को लेकर संदेह जताया था. विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि संगठन अतिरिक्त जानकारी प्राप्त करने के लिए रूस के साथ संपर्क में है. वहीं अमेरिका के शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञ एंथोनी फॉसी ने वैक्सीन को लेकर रूस और चीन दोनों के ऊपर सही प्रक्रिया का पालन करने पर संदेह जताया था.
रूस के एक अधिकारी ने दावा किया है कि उनकी वैक्सीन जिस भी मरीज को दी जाएगी वो कम से कम दो साल तक कोरोना से मुक्त रहेगा, यानी उसको कोरोना नहीं हो सकेगा. रूसी न्यूज एजेंसी टीएसएसएस के अनुसार, गामालेया अनुसंधान केंद्र के निदेशक अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने कहा है कि रूस की कोरोना वैक्सीन का असर सिर्फ छह महीने या सालभर तक के लिए नहीं होगा, बल्कि यह दो साल तक असर करेगी और वायरस को दूर रखेगी.
इससे पहले, रूसी स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराशको ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ विकसित की गई वैक्सीन निश्चित रूप से कारगर है और यह अन्य देशों को भी उपलब्ध कराई जाएगी, लेकिन घरेलू स्तर पर इसकी मांग को ध्यान में रखकर आपूर्ति करना हमारी पहली प्राथमिकता है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही दुनियाभर के देशों में भी वैक्सीन की आपूर्ती हो जाएगी और दुनिया को इस खतरनाक बीमारी से निजात मिलेगी.