नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन युद्ध पिछले ढाई सालों से जारी है. वहीं भारत और रूस के बीच संबंध देखा जाए तो वो काफी अच्छे हैं. रशिया के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पीएम मोदी के बीच काफी अच्छे रिश्ते हैं
नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन युद्ध पिछले ढाई सालों से जारी है. वहीं भारत और रूस के बीच संबंध देखा जाए तो वो काफी अच्छे हैं. रशिया के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पीएम मोदी के बीच काफी अच्छे रिश्ते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक समय ऐसा भी था, जब रूस भारत पर आक्रमण करने के लिए योजना बना रहा था. उस समय उसका मकसद पूरा हो पाया या नहीं? आइए जानते हैं.
19वीं शताब्दी के दौरान प्रमुख शक्तियों के बीच भू-राजनीतिक तनाव अक्सर दुस्साहसी योजनाओं को उत्पन्न करते थे. एक ऐसी ही योजना रूस ने भी बनाई थी जिसमें उसका इरादा भारत पर कब्जा करने का था. ये योजना मुख्य रूप से रूस ने अपना विस्तार करने के लिए बनाई थी. हालांकि इस योजना में वह कभी सफल न हो सका.
1801 में रूसी सम्राट पॉल 1 ने भारत पर आक्रमण करने के लिए योजना बनाई थी. एशिया में ब्रिटिश प्रभुत्व को चुनौती देने के उद्देश्य से उन्होंने नेपोलियन बोनापार्ट के साथ गठबंधन किया. पॉल I की योजना में एक संयुक्त रूसी-फ्रांसीसी अभियान भी शामिल था, जिसमें 22 हजार कोसैक की सेना डॉन स्टेप्स से चली थी. ये यात्रा उन्हें मध्य एशिया से होते हुए भारत पहुंचने के लिए बहुत कठिन रास्तों से पहुंची थी.
उस समय भीषण ठंड पड़ रही थी जिसके कारण सेना बड़ी मुश्किल से आगे बढ़ रही थी. इसी दौरान मार्च 1801 में पॉल-I की हत्या कर दी गई. ये वही समय था जब रूस तेजी से भारत की तरफ बढ़ रहा था. इस स्थिति में पाल-। की मौत के बाद अलेक्जेंडर-I ने इस योजना को त्यागकर यूरोपीय मामलों पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया था.
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