Russia Ukraine War: नई दिल्ली, Russia Ukraine War: दुनियाभर के देशों की आशंका को सच साबित करते हुए रूस ने आखिरकार यूक्रेन पर धावा बोल दिया. रूस ने यूक्रेन पर मिसाइल हमला करते हुए उसके एयर डिफेंस को पूरी तरह से नष्ट करने का दावा किया है. वहीं, यूक्रेन ने भी रूस के कई विमान […]
नई दिल्ली, Russia Ukraine War: दुनियाभर के देशों की आशंका को सच साबित करते हुए रूस ने आखिरकार यूक्रेन पर धावा बोल दिया. रूस ने यूक्रेन पर मिसाइल हमला करते हुए उसके एयर डिफेंस को पूरी तरह से नष्ट करने का दावा किया है. वहीं, यूक्रेन ने भी रूस के कई विमान और हेलीकॉप्टर को मार गिराने का दावा किया है. हालांकि, यह बात दुनियाभर को पता है कि अगर यह युद्ध ज्यादा दिन तक चला, तो यूक्रेन की सेना रूस के आगे घुटने टेक देगी. इसकी वजह यह है कि रूस की सेना यूक्रेन के मुकाबले कहीं ज्यादा शक्तिशाली है. रूस के पास छह हजार से ज्यादा की संख्या में परमाणु हथियारों का जखीरा मौजूद है, जिससे उसके विरोधी देशों में डर बना रहती है. हालांकि, एक वक्त ऐसा भी था जब यूक्रेन के पास भी अच्छी-खासी संख्या में परमाणु हथियार थे.
दूसरे विश्वयु्द्ध के खत्म होते ही अमेरिका और सोवियत संघ के बीच शीत युद्ध की शुरुआत हो गई थी, ये वही दौर था जब यूक्रेन सोवियत संघ (वर्तमान में रूस) का हिस्सा हुआ करता था. इस वक्त अमेरिका और रूस के बीच परमाणु बम बनाने की होड़ भी मची हुई थी. जब दोनों देशों के रिश्तों में थोड़ी खटास बढ़ी तो अमेरिका और नाटो सहयोगी देशों के खिलाफ रूस ने यूक्रेन में हजारों की संख्या में परमाणु हथियारों की तैनाती कर दी थी.
साल 1991 में सोवियत संघ के विघटन के साथ ही शीत युद्ध का दौर समाप्त हो गया था, इसके साथ ही यूक्रेन ने भी सोवियत संघ से अलग होने की घोषणा कर दी, लेकिन हजारों की संख्या में परमाणु हथियारों का जखीरा यूक्रेन के पास ही था. उस समय रूस और उसके समर्थक देशों की आर्थिक स्थिती बेहद खराब हो चली थी. इस कारण उन्हें पश्चिमी देशों से कारोबारी रिश्ते और सहयोग की जरूरत पड़ी थी, यही वो समय था जहाँ से यूक्रेन के परमाणु हथियारों को त्यागने की कहानी की शुरुआत हुई.
विभिन्न जानकारों और मीडिया विशेषज्ञों की ओर से ये दावा किया जाता है कि सोवियत संघ के विघटन के बाद यूक्रेन में परमाणु बमों की संख्या तकरीबन 1800 से 2000 थी. यह संख्या अमेरिका और रूस के जखीरे के बाद सबसे विशालकाय थी, आधिकारिक डाटा के अनुसार, वर्तमान में भी अमेरिका और रूस के अलावा किसी भी देश के पास में इतनी बड़ी संख्या में परमाणु बम नहीं है.