नई दिल्ली. यूक्रेन-रूस की जंग अब तक खत्म नहीं हुई है, वहीं, इस जंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से फोन पर बातचीत की है. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की से जल्द से जल्द इस शत्रुता खत्म करने की बात कही है, पीएम ने आज फिर एक बार […]
नई दिल्ली. यूक्रेन-रूस की जंग अब तक खत्म नहीं हुई है, वहीं, इस जंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से फोन पर बातचीत की है. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की से जल्द से जल्द इस शत्रुता खत्म करने की बात कही है, पीएम ने आज फिर एक बार कहा कि युद्ध से कोई समाधान नहीं निकलेगा, उन्होंने बातचीत पर ज़ोर दिया है.
फोन पर बात करने के दौरान दोनों नेताओं ने यूक्रेन में जारी संघर्ष पर चर्चा की, वहीं, पीएम मोदी ने जेलेंस्की से कहा कि किसी भी संघर्ष का सैन्य समाधान नहीं हो सकता है. साथ ही कहा कि शत्रुता को समाप्त कर बातचीत के आधार पर ही कोई समाधान निकालना चाहिए. प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की से बातचीत के दौरान जोर देते हुए कहा कि भारत यूक्रेन सहित अन्य सभी परमाणु प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को सबसे ज्यादा अहमियत देता है. उन्होंने परमाणु के खतरे पर भी ध्यान आकर्षित किया, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि परमाणु के सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए दूरगामी और विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं.
दरअसल बीती 21 सितंबर कोरूस (Russia) में राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने ऐलान किया था कि रूसी सेना में रिज़र्व बलों की भर्ती की जानी है. जिसके बाद से करीब 2 लाख से अधिक लोग सेना में भर्ती हुए हैं. रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोईगु ने इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने टीवी पर हुए एक सम्मेलन में बताया कि “आज तक 2 लाख से अधिक लोग सेना में शामिल हो चुके हैं.” बता दें, यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई करने के बाद भी रूस को विफलता मिली है. इसी को आगे बढ़ाते हुए रूस अपनी और अधिक सेना को यूक्रेन की जमीन पर भेजना चाहता है. रूसी संसद ने सेना की इस भर्ती को आंशिक बताया था जहां सेना में करीब 3 लाख लोगों की भर्ती करने की योजना है.