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Russia-Ukraine War: रूस की सैन्य मदद करेगा उत्तर कोरिया, युद्ध में नया मोड़

नई दिल्ली: यूक्रेन युद्ध में उत्तर कोरिया के आ जाने से एक नया मोड़ आ गया है. उत्तर कोरिया जोकि परमाणु हथियारों और घातक मिसाइलों के लिए जाना जाता है, अब वह यूक्रेन युद्ध में रूस को सैन्य मदद देगा. उत्तर कोरिया से किम जोंग उन ने रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू से मुलाक़ात […]

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Russia-Ukraine War: रूस की सैन्य मदद करेगा उत्तर कोरिया, युद्ध में नया मोड़
  • July 27, 2023 2:07 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली: यूक्रेन युद्ध में उत्तर कोरिया के आ जाने से एक नया मोड़ आ गया है. उत्तर कोरिया जोकि परमाणु हथियारों और घातक मिसाइलों के लिए जाना जाता है, अब वह यूक्रेन युद्ध में रूस को सैन्य मदद देगा. उत्तर कोरिया से किम जोंग उन ने रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू से मुलाक़ात कर अपने ख़ास हथियारों का निरीक्षण भी कराया.

रूस-यूक्रेन युद्ध में एक नया मोड़ देखने को मिला है. परमाणु हथियारों और घातक मिसाइलों का राजा कहा जाने वाला उत्तर कोरिया अब इस युद्ध में रूस की सैन्य मदद करेगा. यूक्रेन में तबाही मचाने के लिए उत्तर कोरिया के पास एक से एक गगनभेदी हथियार और खतरनाक परमाणु मिसाइलें हैं. सैन्य सहयोग के मुद्दे से संबंधित रूस के रक्षा मंत्री और किम जोंग उन के बीच मुलाक़ात की खबर सुन यूक्रेन, यूरोप और पश्चिमी देशों में तहलका मच गया है. उत्तर कोरिया के सैन्य सहयोग पर अमेरिका पैनी नज़र बनाए हुए है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 27 जुलाई 2023, बृहस्पतिवार को देश (1950-53) युद्धविराम की 70वीं वर्षगांठ मनाया जा रहा है. किम और शोइगु की बुधवार को मुलाक़ात के दौरान दोनों ने “राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतराष्ट्रीय सुरक्षा के माहौल से संबंधित आपसी चिंता के मामलों” पर सहमति जताई.

उत्तर कोरिया ने अपने जखीरे के हथियारों का कराया निरीक्षण

केसीएनए ने जानकारी देते हुए बताया कि किम जोंग रूसी रक्षामंत्री को एक हथियार की प्रदर्शनी में भी लेकर गए. राष्ट्रीय योजनाओं के विषय में जानकारी देते हुए किम जोंग ने रूसी रक्षामंत्री को सैन्य क्षमताओं का विवरण दिया. शोइगु ने उत्तर कोरिया के बेहद खतरनाक और अत्याधुनिक हथियारों का करीब से निरीक्षण का कार्य पूर्ण किया. रूस के रक्षा मंत्री ने बुधवार को उत्तर कोरिया के रक्षा मंत्री कांग सुन नाम से भी बातचीत की. इस वार्तालाप का उद्देश्य “दोनों देशों के बीच रक्षा विभागों का सहयोग मजबूत करना था”.

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