नई दिल्ली: एक साल बाद भी रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग का कोई अंत होता नहीं दिख रहा है. इस अवधि में ना तो रूस की आक्रामकता में कमी आई है और ना ही यूक्रेन ने हार मानी है. ऐसे में रूसी राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन पर बड़े सुसाइड अटैक की योजना बना रहे […]
नई दिल्ली: एक साल बाद भी रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग का कोई अंत होता नहीं दिख रहा है. इस अवधि में ना तो रूस की आक्रामकता में कमी आई है और ना ही यूक्रेन ने हार मानी है. ऐसे में रूसी राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन पर बड़े सुसाइड अटैक की योजना बना रहे हैं दरअसल ख़बरों की मानें तो अगले तीन महीनों तक रूस ने यूक्रेन पर आत्मघाती हमले करने का खाका तैयार कर लिया है.
एक समाचार चैनल द्वारा दोनों देशों के बीच छिड़ी इस जंग का गोपनीय आकलन किया गया. इस आकलन के अनुसार दावा किया गया है कि पुतिन ने सैन्य कमजोरी, नाकामी, अक्षमता और उनके खेमे से लगातार हो रही मौतों के कारण यह फैसला लिया है. सैन्य बढ़त के लिए अब पुतिन मोर्चे पर सैनिकों को लगातार भजते रहेंगे. इस एक फैसले से यूक्रेन समेत रूस के भी हजारों सैनिकों की जान पर बन आएगी.
दरअसल यह रिपोर्ट रूस और यूक्रेन के एक साल पूरे होने पर सामे आई जिसमें जानकारी दी गई है कि पुतिन तीन तरह की परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं. एक रूस की गतिविधियों के कारण उनके पड़ोसी देशों से उनपर हमले का ख़तरा बढ़ सकता है. दूसरी स्थिति बताती है कि यूक्रेन पश्चिमी देशों की वजह से ये जंग जीत सकता है. तीसरी स्थिति के अनुसार रूसी सेना पस्त हो सकती है और घरेलू स्तर पर विश्वास खत्म हो जाने से यह युद्ध खत्म हो सकता है.
गौरतलब है कि अब तक इस युद्ध में 7000 से अधिक जानें गई हैं और 80 लाख लोग पलायन कर चुके हैं. इतना ही नहीं रूस का दूसरे देशों के सामने रूतबा भी ख़त्म होता नज़र आ रहा है. इसी कड़ी में G-20 विदेश मंत्रियों की बैठक में अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने रूस को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि इन हमलों का खामियाज़ा ना केवल यूक्रेन और रूस बल्कि पूरी दुनिया भुगत रही है.
आगे ब्लिंकन ने कहा कि रूस को इस समय रोकना इसलिए भी अहम है क्योंकि कल कोई भी देश किसी भी देश पर हमला कर सकता है जैसा रूस ने किया. इसके साथ ही उन्होंने चीन के वूहान लैब से कोरोना वायरस के लीक होने से जुड़ी रिपोर्ट पर कहा कि इंटेलिजेंस एजेंसियों का इस पर फोकस है. हालांकि अभी तक किसी भी एजेंसी ने इस रिपोर्ट पर कोई भी निष्कर्ष नहीं निकाला है.
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