नई दिल्ली. रूस-यूक्रेन युद्ध में तनाव बढ़ता जा रहा है. यूक्रेन ने अमेरिका ATACMS मिसाइल हासिल कर जिस तरह से रुस पर हमला बोला उसकी उम्मीद किसी ने नहीं की थी. इतना ही नहीं यूक्रेन ने ATACMS से रूस के सबसे मजबूत मिसाइल डिफेंस सिस्टम एस-400 को ध्वस्त कर दिया है. इस घटना के बाद […]
नई दिल्ली. रूस-यूक्रेन युद्ध में तनाव बढ़ता जा रहा है. यूक्रेन ने अमेरिका ATACMS मिसाइल हासिल कर जिस तरह से रुस पर हमला बोला उसकी उम्मीद किसी ने नहीं की थी. इतना ही नहीं यूक्रेन ने ATACMS से रूस के सबसे मजबूत मिसाइल डिफेंस सिस्टम एस-400 को ध्वस्त कर दिया है. इस घटना के बाद रूस और परेशान हो गया है. पहली बार उसने माना है कि यूक्रेन ने कुर्स्क में हमला कर एक एयर बेस और मिसाइल डिफेंस सिस्टम को नुकसान पहुंचाया है.
इसके बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या रूस परेशान होकर यूक्रेन पर परमाणु हमला करेगा. इसको लेकर अमेरिकी इंटेलिजेंस ने बाइडन प्रशासन को एक रिपोर्ट दी है और बताया है कि धमकियों के बावजूद रूस परमाणु हमला नहीं करेगी. यही वजह है कि अमेरिका ने यूक्रेन को रूस के अंदर जोरदार हमला करने को कहा है. मतलब साफ है कि यूक्रेन अब सिर्फ अपना बचाव नहीं करेगा बल्कि रूस के खिलाफ तगड़ा जवाबी कार्रवाई करेगा और उसे अहसास कराएगा कि ये जंग नहीं इतनी आसान.
अमेरिकी इंटेलिजेंस के सूत्रों के हवाले से जो खबर आ रही है उसके मुताबिक रूस ने ओरेशनिक मिसाइल का प्रयोग कर अमेरिका और पश्चिम को यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि वह इस जंग में किसी भी स्तर तक जा सकता है. रूस ने इस मिसाइल को हाल ही में बनाने का दावा किया है. यूक्रेन के हमले के बाद रूस ने गुरुवार की सुबह इंटरकांटिनेंटल मिसाइल (ICBM) अस्त्राखान इलाके से निप्रो शहर पर हमला बोला था और यूक्रेन पर दबाव बनाने की कोशिश की थी कि यदि फिर हमला किया तो इसी तरह के जवाबी कार्रवाई झेलनी होगी.
रुस ने केएच-101 क्रूज मिसाइल और किंजल हाइपरसॉनिक मिसाइल भी दागी.
आपको बता दें कि यूक्रेन द्वारा रूस पर मिसाइल अटैक से पहले रूस ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की इजाजत की प्रक्रिया में बदलाव किया है. उसमें कहा गया है कि कोई भी देश जिसके पास परमाणु हथियार नहीं है और वह किसी न्यूक्लियर पॉवर वाले देश के सपोर्ट से उस पर हमला करता है तो इसे रूस विरुद्ध जंग का ऐलान समझा जाएगा. ऐसी स्थिति में रूस न्यूक्लियर हथियार का इस्तेमाल कर सकता है. ऐसी चेतावनियां रूस पहले भी देता रहा है लेकिन अमेरिका का मानना है कि चाहकर भी रूस ऐसा नहीं कर पाएगा.
यूक्रेन के पड़ोसी मुल्कों ने बांटे पर्चे
इस तनाव के मद्देनजर नार्वे, फिनलैंड और डेनमार्क ने अपने सैनिकों को जंग के लिए तैयार रहने और नागरिकों से जरूरी सामान जुटाने को कहा है. जिन देशों की सीमाएं रूस से सटी हैं उन्हें डर है कि यूक्रेन पर यदि रूस परमाणु हमला करता है तो उसका असर इन देशों पर भी हो सकता है. नार्वे ने लोगों के बीच पर्चे बंटवाकर अपने लोगों को आगाह किया है. स्वीडन ने भी पर्चे बांटे हैं, उसमें नागरिकों को समझाया गया है कि परमाणु युद्ध के दौरान तेजी से विकिरण होता है लिहाजा बचाव के लिए आयोडीन की गोलियां अपने साथ जरूर रखें.
सबसे ज्यादा परमाणु हथियार रूस के पास
सनद रहे कि दुनिया में इस समय नौ देशों अमेरिका, इंग्लैंड, रूस, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और इजरायल के पास परमाणु हथियार है. कुल परमाणु बमों की संख्या 12,121 है जिसमें से सबसे ज्यादा 4380 परमाणु हथियार रूस के पास जबकि 3708 परमाणु बम के साथ अमेरिका दूसरे तो 500 वेपन के साथ चीन तीसरे नंबर पर है.
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