यूक्रेन के साथ तीन साल से चल रहे यु्द्ध में बेशक रूस भारी दिख रहा हो लेकिन अंदर से वो भी खोखला हो गया है. आर्थिक स्थिति खराब हुई है और लाखों सैनिक मारे गये हैं. भारी संख्या में पलायन हुआ है. जनसाख्यिकी संतुलन बिगड़ा है और स्थिति यहां तक पहुंच गई कि रूस को भाड़े के सैनिक लेने पड़े और झांसा देकर दूसरे देशों के नौजवानों को सेना में भर्ती करना पड़ा. इस दौरान रूस की आबादी कम हुई और अब वह स्कूली छात्राओं से कह रहा है कि पैसे लो बच्चे पैदा करके दो. नये साल मे रूस नया कानून लेकर आया, एक दर्जन क्षेत्रीय सरकारों ने स्वस्थ शिशुओं को जन्म देने वाली महिला कॉलेज छात्राओं को भुगतान करने का ऐलान किया है.
रूस ने स्कूली छात्राओं से कहा, बच्चे पैदा करो
2024 की पहली छमाही के दौरान, रूस में केवल 599600 बच्चे पैदा हुए जो 25 वर्षों में सबसे कम है. स्थिति की नजाकत को भांपकर रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जन्म दर बढ़ाने पर जोर दिया है और तीन या उससे अधिक बच्चों वाले परिवारों को आदर्श बताया. मध्य रूस के ओर्योल क्षेत्र ने सबसे पहले महिलाओं लड़कियों के लिए लुभावने ऑफर की शुरुआत की थी. यह क्षेत्र रूस के उन 40 क्षेत्रों में शामिल है, जो विमेन यूनिवर्सिटी की छात्राओं को मां बनने पर 100000 रूबल यानी कि लगभग 1200 डॉल देता है.
बच्चे पैदा करने के लिए ऑफर का विस्तार
मीडिया आउटलेट 7×7 की रिपोर्ट के मुताबिक गवर्नर आंद्रेई क्लिचकोव ने इस कार्यक्रम का विस्तार कर दिया है और कहा है कि कम उम्र की स्कूली लड़कियों भी आगे आएं. उन्हें पैसे दिये जाएंगे, वो बच्चे पैदा करें. 2024 के आंकड़े आने के बाद रूसी सरकार डर गई क्योंकि 1999 के बाद देश में सबसे कम जन्म दर था. वहीं, मौतों की संख्या में 49,0000 की वृद्धि हुई. इस दौरान पलायन में 20% की वृद्धि हुई. यद्दपि यूक्रेन के साथ तीन साल से चल रहे युद्ध में रूस के कितने सैनिक मारे गये हैं इसका सही आंकड़ा उसने कभी नहीं बताया लेकिन सैनिकों के मारे जाने से कहीं बहुत ज्यादा पलायन हुआ है. इससे रूस को दोहरी चोट लगी है. यही वजह है कि रूस बच्चे पैदा करने के लिए इंसेटिव स्कीम चला रहा है.
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