रूस ने कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी के खिलाफ mRNA वैक्सीन विकसित करके एक बड़ा कदम उठाया है। यह घोषणा रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय ने की। रूसी समाचार एजेंसी TASS के अनुसार, यह वैक्सीन 2025 से रूस के नागरिकों को मुफ़्त दी जाएगी। इसे सदी की सबसे बड़ी खोजों में से एक माना जा रहा है, क्योंकि हर साल लाखों लोग कैंसर के कारण अपनी जान गंवाते हैं। अब सवाल यह है कि क्या...
नई दिल्ली : रूस ने कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी के खिलाफ mRNA वैक्सीन विकसित करके एक बड़ा कदम उठाया है। यह घोषणा रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय ने की। रूसी समाचार एजेंसी TASS के अनुसार, यह वैक्सीन 2025 से रूस के नागरिकों को मुफ़्त दी जाएगी। इसे सदी की सबसे बड़ी खोजों में से एक माना जा रहा है, क्योंकि हर साल लाखों लोग कैंसर के कारण अपनी जान गंवाते हैं। अब सवाल यह है कि क्या कैंसर के टीके ने नई उम्मीद जगाई है? इन सबके बीच ITV ने एक सर्वे किया है, जिसमें लोगों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियां दी है.
1- रूस का दावा है कि उसने mRNA कैंसर वैक्सीन तैयार कर ली है, आप कैसे देखते हैं?
अच्छी खबर है 33.00%
कैंसर रोगियों के लिए संजीवनी 02.00%
पहले वैक्सीन की जांच हो 65.00%
कह नहीं सकते 00.00%
2- रूस ने बना ली कैंसर की वैक्सीन, क्या कैंसर के टीके ने नई उम्मीद जगाई है?
हां 93.00%
नहीं 07.00%
कह नहीं सकते 00.00%
3- रूस अपने नागरिकों को मुफ्त लगाएगा कैंसर वैक्सीन, आप क्या चाहते हैं?
भारत में भी मुफ्त में लगे 30.00%
दाम कम हों 10.00%
वैक्सीन को परखा जाए 59.00%
कह नहीं सकते 01.00%
4- क्या कोई वैक्सीन भारत समेत दुनिया के अलग-अलग देशों में लाखों कैंसर रोगियों को ठीक कर सकती है?
हां 74.00%
नहीं11.00%
कह नहीं सकते 15.00%
5- रूसी कैंसर वैक्सीन लगने के बाद क्या कीमोथेरेपी और सर्जरी की जरूरत नहीं होगी? डॉक्टर की राय?
हां 58.00%
नहीं 08.00%
अभी वैक्सीन पर रिसर्च करना पड़ेगा 34.00%
कैंसर के मरीज के शरीर में कोई भी कोशिका अप्रत्याशित रूप से तेजी से बढ़ने लगती है और ट्यूमर का रूप ले लेती है। रूस द्वारा विकसित mRNA वैक्सीन शरीर में मौजूद ऐसे ट्यूमर को रोकने में मदद करती है। इंसानों के जेनेटिक कोड के एक हिस्से में RNA होता है जो हमारी कोशिकाओं के लिए खास प्रोटीन बनाने का काम करता है।
वहीं, जब हमारे शरीर पर वायरस या बैक्टीरिया का हमला होता है तो mRNA तकनीक हमारी कोशिकाओं को एक संदेश भेजती है। जिसमें प्रोटीन बनाने का संदेश दिया जाता है। इस संदेश का मकसद हमारे इम्यून सिस्टम से लड़ने के लिए जो भी प्रोटीन जरूरी है, उसे मुहैया कराना होता है। जिसे शरीर एंटीबॉडी में बनाता है और उसकी वजह से ट्यूमर का बढ़ना रुक जाता है।
आपको बता दें कि, विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, 2022 में वैश्विक स्तर पर 2 करोड़ नए कैंसर के मामले सामने आए। जिसमें करीब 97 लाख मौतें हुईं। वहीं, भारत में 2022 में 14.13 लाख कैंसर के मामले सामने आए, जिसमें 9.16 लाख लोगों की मौत हुई। रूस में भी बड़ी संख्या में लोग कैंसर की चपेट में आ रहे हैं। 2022 में रूस में कैंसर के 6.35 लाख मामले दर्ज किए गए।
इस साल की शुरुआत में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कैंसर की वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया को लेकर उम्मीद जताई थी। अब इस सफलता से दुनियाभर के कैंसर मरीजों को राहत मिलने की उम्मीद जगी है।
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