नई दिल्ली। अमेरिका इन दिनों महंगाई का सामना कर रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में महंगाई चार दशक के उच्चतम स्तर 8.6 फीसदी पर पहुंच गई है। मई महीने में गैस, खाने-पीने की चीजों और ज्यादातर अन्य सामान और सेवाओं की कीमतों में भारी उछाल दर्ज किया गया है। अमेरिकी श्रम विभाग ने […]
नई दिल्ली। अमेरिका इन दिनों महंगाई का सामना कर रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में महंगाई चार दशक के उच्चतम स्तर 8.6 फीसदी पर पहुंच गई है। मई महीने में गैस, खाने-पीने की चीजों और ज्यादातर अन्य सामान और सेवाओं की कीमतों में भारी उछाल दर्ज किया गया है। अमेरिकी श्रम विभाग ने शुक्रवार को डेटा जारी करते हुए कहा कि पिछले महीने उपभोक्ता कीमतों में एक साल पहले की तुलना में 8.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
अमेरिकी बाजारों में अप्रैल में उपभोक्ता कीमतें एक साल पहले की तुलना में 8.3 प्रतिशत अधिक थीं। उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में अप्रैल की तुलना में मई में एक प्रतिशत की वृद्धि हुई। यह बढ़ोतरी मार्च के मुकाबले काफी ज्यादा थी। इस वृद्धि का श्रेय हवाई जहाज के टिकट से लेकर रेस्तरां के खाने के बिल तक हर चीज की कीमतों में बढ़ोतरी को दिया गया। फिलहाल कोर महंगाई भी 6 फीसदी के ऊपर पहुंच गई है। अप्रैल में भी इसमें 0.6 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी।
अमेरिका पिछले कुछ महीनों से बढ़ती महंगाई से जूझ रहा है। हालात ऐसे हैं कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण आम अमेरिकी के लिए जीवित रहना बहुत मुश्किल हो गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अश्वेत समुदाय और गरीब लोगों को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है। 1982 के बाद पहली बार इस साल मार्च में उपभोक्ता मुद्रास्फीति 8.5 प्रतिशत तक पहुंच गई। इस मुद्रास्फीति ने अमेरिकी केंद्रीय बैंक, फेडरल रिजर्व को ब्याज दरों में वृद्धि करने के लिए मजबूर किया है।
विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले कुछ महीनों में यह नियंत्रण में आ जाएगा। फिर भी वर्ष के अंत तक इसके 7 प्रतिशत से नीचे गिरने की संभावना नहीं है। हाल ही में विश्व बैंक ने विश्व के सभी देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि विश्व अभी भी कोरोना महामारी से उबर रहा है, साथ ही रूस-यूक्रेन युद्ध से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर दोहरी मार पड़ी है। विश्व बैंक ने कहा था कि अगर यूक्रेन में चल रहे संकट का जल्द समाधान नहीं निकाला गया तो दुनिया के कई देशों में महंगाई विकराल रूप ले लेगी।
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