नई दिल्ली. ब्रिटिश पीएम का पदभार संभालने के कुछ ही घंटों के अंदर ऋषि सुनक ने कई मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया है. हालांकि जेरेमी हंट ब्रिटेन के वित्त मंत्री बने रहेंगे, दरअसल, मंत्रियों को बर्खास्त करने से पहले ही सुनक ने इस बात के संकेत दे दिए थे. उन्होंने साफ लहजों में कहा था […]
नई दिल्ली. ब्रिटिश पीएम का पदभार संभालने के कुछ ही घंटों के अंदर ऋषि सुनक ने कई मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया है. हालांकि जेरेमी हंट ब्रिटेन के वित्त मंत्री बने रहेंगे, दरअसल, मंत्रियों को बर्खास्त करने से पहले ही सुनक ने इस बात के संकेत दे दिए थे. उन्होंने साफ लहजों में कहा था कि पुराने लोगों ने जो गलती की है उसे सुधारने के लिए उन्हें चुना गया है, सुनक ने किंग चार्ल्स द्वितीय के साथ बैठक के एक घंटे के भीतर अपने वादे को पूरा करना शुरू कर दिया, किंग चार्ल्स से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा था कि बिना किसी देरी के “काम तुरंत शुरू होगा.”
अब अगर ब्रिटिश मीडिया की मानें तो, ऋषि सुनक अपनी नई टॉप टीम बनाने से पहले कैबिनेट के पुराने लोगों को निकाल रहे हैं और इसी के चलते जैकब रीस-मोग ने सरकार से इस्तीफा दे दिया. रीस-मोग ने व्यापार सचिव के रूप में पद छोड़ दिया है, वहीं अगर दी टेलीग्राफ की रिपोर्ट की मानें तो रीस-मोग को पहले से ही पता था कि उन्हें कैबिनेट से निकाल दिया जाएगा इसलिए उन्होंने अपना इस्तीफा भेज दिया.
बता दें कि सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह नहीं है की एक भारतीय मूल का व्यक्ति ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बना बल्कि एक हिंदू शख्स पीएम बना है। इससे पहले सुनक ने हाउस कामंस के सदस्य के रूप में श्रीमद् भगवत गीता पर हाथ रख कर शपथ ली थी। ऋषि सुनक ने कई मौकों पर अपनी हिंदू पहचान जाहिर की है। वह एक ब्रिटिश होते हुए भी अपने धर्म एव संस्कृति को नही भूले हैं। बता दें कि सुनक को डिशी ऋषि के नाम से भी जाना जाता है। ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति इंफोसिस के फाउंडर एन आर नारायण मूर्ति की बेटी है।
बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री पद के लिए ऋषि सुनक की प्रतिद्वंदी पेनी मॉर्डंट ने सोमवार का पीएम पद की रेस से अपना नाम वापस ले लिया, जिसके बाद सुनक को सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी का निर्विरोध नेता चुना गया। बता दें कि ब्रिटेन के वित्त मंत्री रहे 42 वर्षीय सुनक को कंजरवेटिव पार्टी के 357 सांसदों में से 200 से अधिक सांसदों का समर्थन मिला। उन्हें जीत के लिए सिर्फ 100 सांसदों के समर्थन की जरूरत थी।
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