किसी फिल्म से कम नहीं है ऋषि सुनक की प्रेम कहानी, पढ़कर आप भी कह उठेंगे लव स्टोरी हो तो ऐसी !

नई दिल्ली. भारतीय मूल के ऋषि सुनक इस समय ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री बनने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. अब प्रधानमंत्री की रेस में पूर्व प्रधनमंत्री बोरिस जॉनसन के पीछे हटने से सुनक की जीत लगभग तय हो गई है. बता दें, ऋषि सुनक पहली बार 2015 में सांसद बने थे, वे यॉर्कशायर के […]

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किसी फिल्म से कम नहीं है ऋषि सुनक की प्रेम कहानी, पढ़कर आप भी कह उठेंगे लव स्टोरी हो तो ऐसी !

Aanchal Pandey

  • October 24, 2022 11:54 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली. भारतीय मूल के ऋषि सुनक इस समय ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री बनने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. अब प्रधानमंत्री की रेस में पूर्व प्रधनमंत्री बोरिस जॉनसन के पीछे हटने से सुनक की जीत लगभग तय हो गई है. बता दें, ऋषि सुनक पहली बार 2015 में सांसद बने थे, वे यॉर्कशायर के रिचमंड से चुने गए थे, कंजर्वेटिव पार्टी में ऋषि सुनक बहुत तेजी से उठे. उन्होंने ‘ब्रेक्सिट’ के लिए समर्थन किया, ‘ईयू छोड़ो’ अभियान के दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का समर्थन किय था. आइए आज आपको उनकी निजी ज़िन्दगी के बारे में बताते हैं-

कौन हैं अक्षता मूर्ति

अक्षता मूर्ति एक बिजनेस फैमिली से ताल्लुक रखती हैं, अक्षता इंफोसिस के सह-संस्थापक और भारत के दिग्गज कारोबारी एनआर नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति की इकलौती बेटी हैं, उनका एक भाई भी है जिसका नाम रोहन है. रोहन भी सोरोको के संस्थापक हैं. ऋषि सुनक को ब्रिटेन में कई बार अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति के कारोबार और टैक्स से जुड़े विवादों को लेकर घेरा गया लेकिन उन्होंने हर बार अपनी पत्नी और ससुराल का बचाव किया.

ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति का जन्म 1980 में हुआ था. जन्म के बाद अक्षता के माता-पिता काम के सिलसिले में मुंबई शिफ्ट हो गए, लेकिन अक्षता उस समय अपने दादा-दादी के साथ रहतीं थी. इस बार में अक्षता के पिता एनआर नारायण मूर्ति ने बताया था कि अक्षता को उसके ग्रैंडपेरेंट्स के पास छोड़ना उनका एक बहुत मुश्किल फैसला था. हर वीकेंड पर वे बेलगाम की फ्लाइट लेते थे और फिर एयरपोर्ट से एक कार रेंट पर लेकर हुबली जाते थे.

नहीं थी अक्षता की ज़िंदगी आसान

जब अक्षता फिर से अपने माता-पिता के पास वापस आई तो उनकी ज़िंदगी उतनी आसान नहीं थी जैसे ग्रैंडपेरेंट्स के साथ हुबली रहकर हुआ करती थी. धीरे-धीरे अक्षता का परिवार समृद्धि की ओर बढ़ता गया लेकिन फिर भी अक्षता के पैरेंट्स ने उसे स्कूल ले जाने और वापस लाने के लिए प्राइवेट कार की बजाय ऑटोरिक्शा ही चुनी. ऑटोरिक्शा से रोजाना स्कूल जाते हुए अक्षता के बहुत से दोस्त बन गए, रिक्शे वाले अंकल के साथ ही अक्षता की अच्छी दोस्ती हो गई थी.

अक्षता और ऋषि सुनक की पहली मुलाक़ात

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में अक्षता की ऋषि सुनक से मुलाक़ात हुई थी, ऋषि सुनक को प्रतिष्ठित फुलब्राइट स्कॉलरशिप के तहत यहां एडमिशन मिला था. कॉलेज के दिनों में दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया और इसके चार साल बाद बेंगलुरु में अक्षता और ऋषि की शादी हो गई.

जब ऋषि सुनक की तारीफ़ सुन दुखी हो गए नारायण मूर्ति

अक्षता के पिता ने ऋषि सुनक के बारे में बात करते हुए बताया था, जब पहली बार अक्षता ने उन्हें अपने लाइफ पार्टनर के बारे में बताया तो उन्हें काफी बुरा लगा और जलन महसूस हुई. लेकिन जब वे ऋषि से मिले तो उन्होंने पाया कि वह एक ब्रिलियंट, हैंडसम और ईमानदार है, ऋषि के मिलने के बाद नारायणमूर्ति को पता चला कि क्यों अक्षता ने उन्हें अपना जीवनसाथी चुना है.

 

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