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सिर्फ ऋषि सुनक ही नहीं, भारत की ये हस्तियां भी विदेशों में बजा रही भारत का डंका

नई दिल्ली. ऋषि सुनक वो पहले भारतीय व्यक्ति हैं जो ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने हैं. दुनिया में इससे पहले भी भारतवंशियों का डंका बजता रहा है, आज के समय में के कम से कम 200 नेता 15 देशों में महत्वपूर्ण सार्वजनिक पदों पर पहुंच चुके हैं, जिसमें से कम से कम 60 लोग अलग-अलग देशों […]

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सिर्फ ऋषि सुनक ही नहीं, भारत की ये हस्तियां भी विदेशों में बजा रही भारत का डंका
  • October 25, 2022 5:56 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली. ऋषि सुनक वो पहले भारतीय व्यक्ति हैं जो ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने हैं. दुनिया में इससे पहले भी भारतवंशियों का डंका बजता रहा है, आज के समय में के कम से कम 200 नेता 15 देशों में महत्वपूर्ण सार्वजनिक पदों पर पहुंच चुके हैं, जिसमें से कम से कम 60 लोग अलग-अलग देशों में कैबिनेट पदों पर भी काबिज़ रहे हैं, आज ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने से पूरे देश में भारत का डंका बज रहा है. आइए आज हम आपको उन लोगों के बारे में बताते हैं जो दुनिया में शीर्ष पर पहुँच रहे हैं.

ऋषि सुनक की उपलब्धियां

सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह नहीं है की एक भारतीय मूल का व्यक्ति ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बना बल्कि एक हिंदू शख्स पीएम बना है, इससे पहले सुनक ने हाउस कामंस के सदस्य के रूप में श्रीमद् भगवत गीता पर हाथ रख कर शपथ ली थी. ऋषि सुनक ने कई मौकों पर अपनी हिंदू पहचान जाहिर की है. वह एक ब्रिटिश होते हुए भी अपने धर्म एव संस्कृति को नही भूले नहीं, बता दें कि सुनक को डिशी ऋषि के नाम से भी जाना जाता है. ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति इंफोसिस के फाउंडर एन आर नारायण मूर्ति की बेटी हैं.

बोरिस जॉनसन के सरकार में भी ऋषि सुनक बहुत लोकप्रिय थे, उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह ज्यादातर प्रेस ब्रीफिंग में सरकार के चेहरे के तौर पर नजर आते थे. उन्होंने कोरोना काल के दौरान ब्रिटेन को आर्थिक तंगी से निकालने में एड़ी छोटी का ज़ोर लगा दिया था. ये उनकी मेहनत का ही नतीजा था कि सभी वर्ग के लोग उनके काम से बहुत खुश थे, इतना हैं नहीं, कोरोना काल में उन्होंने चौपट हो चुकी टूरिज्म इंडस्ट्री को 10,000 करोड़ का पैकेज दिया था.

कमला हैरिस

कमला हैरिस आज के समय में अमेरिका की उपराष्ट्रपति हैं, डेमोक्रेटिक पार्टी से आने वाली कमला अमेरिकी इतिहास में उपराष्ट्रपति बनने वाली पहली महिला हैं, ख़ास बात ये है कि इस पद पर पहुँचने वाली कमला हैरिस पहली भारतीय महिला भी हैं. उन्होंने हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी, कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी और हेस्टिंग्स कॉलेज ऑफ लॉ से ग्रैजुएशन किया है. साल 2010 से 2014 के बीच वह दो बार कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल रहीं थी, वहीं 2017 से 2021 तक वह अमेरिकी सीनेटर के पद पर थी. 20 जनवरी 2021 को अमेरिका की उपराष्ट्रपति बनी थी.

57 वर्षीय हैरिस की जड़ें भारत के तमिलनाडु राज्य से जुड़ी हैं, हैरिस की माँ का जन्म तमिलनाडु में हुआ था, उनकी माँ एक ब्रेस्ट कैंसर रिसर्चर थीं, जो बाद में तमिलनाडु से जाकर अमेरिका में बस गई थीं, यहीं उनकी मुलाकात कमला के पिता से हुई थी. कमला के पिता जमैका-अमेरिका मूल के डोनाल्ड जे हैरिस थे, श्यामला और डोनाल्ड की शादी साल 1963 में हुई थी, जिसके बाद साल 1964 में कमला हैरिस का और 1966 में उनकी बहन माया का जन्म हुआ था, 1970 में पिता डोनाल्ड से तलाक के बाद मां श्यामला ने ही कमला और उनकी बहन माया की अकेले गार्जियन के रूप में परवरिश की है.

छान संतोखी

एक पुलिस अधिकारी से राजनेता बने 63 वर्षीय चंद्रिकाप्रसाद ‘चान’ संतोखी सूरीनाम के वर्तमान राष्ट्रपति हैं, इनका जन्म 3 फरवरी 1959 को भारतीय-सूनीनामीज यानी की एक हिन्दू परिवार में हुआ था. 19वीं सदी की शुरुआत में संतोखी के दादा को अंग्रेज बिहार से मजदूर के रूप में सूरीनाम ले गए थे, साल 1982 में वह 23 साल की उम्र में मॉरिशस पुलिस में उनकी तैनाती इंस्पेक्टर के पद पर हुई थी. साल 1989 में वह नेशनल क्रिमिनल इंवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट के प्रमुख बने और 1991 में पुलिस कमिश्नर बनाए गए, साल 2005 में उनकी राजनीति में एंट्री मिनिस्टर ऑफ जस्टिस एंड पुलिस के रूप में हुईथी, और अब वो सूरीनाम के राष्ट्रपति हैं.

भरत जगदेव

भारतीय मूल के भरत जगदेव 2020 से गुयाना के उपराष्ट्रपति के पद पर हैं, वह भारतीय मूल के गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली के एडमिनिस्ट्रेशन में शामिल हैं, इससे पहले वो साल 1997 से 1999 तक गुयाना के उपराष्ट्रपति रह चुके हैं, बता दें उनका जन्म 23 जनवरी 1964 को गुयाना में एक भारतीय हिंदू परिवार में हुआ था और वो सिर्फ 13 साल की उम्र में ही गुयाना की पीपुल्स प्रोग्रेसिव पार्टी की यूथ विंग से जुड़ गए थे और 16 की उम्र तक उसके नेता बन गए थे.

एंटोनियो कोस्टा

एंटोनिया कोस्टा पुर्तगाल के वर्तमान प्रधानमंत्री हैं, ख़ास बात ये है कि साल 2022 में हुए हालिया चुनावों में जीत के बाद वह तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने हैं. पुर्तगाल की सोशलिस्ट पार्टी से आने वाले एंटोनियो आधे पुर्तगाली और आधे भारतीय हैं, पेशे से वो एक लेखक थे.

प्रविंद जगन्नाथ

प्रविंद जगन्नाथ 2017 से ही मॉरिशस के प्रधानमंत्री के पद पर हैं, 25 दिसंबर 1961 को मॉरिशस में भारतीय मूल के हिंदू परिवार में जन्मे जगन्नाथ मॉरिशस की मिलिटेंट सोशलिस्ट मूवमेंट, यानी MSM पार्टी के सदस्य हैं, अगर राजनीतिक सफर की बात करें तो उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 1987 में हुई थी और वह 1990 में MSM पार्टी से जुड़े थे.

पृथ्वीराजसिंह रूपन

मॉरिशस के राजनेता पृथ्वीराजसिंह रूपन साल 2019 से मॉरिशस के राष्ट्रपति हैं, इनका जन्म 24 मई 1959 को मॉरिशस के एक भारतीय आर्य समाजी हिंदू परिवार में हुआ था, शिक्षा दीक्षा की बात करें तो उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ सेंट्रल लंकाशायर से इंटरनेशनल बिजनेस लॉ यानी LLM में मास्टर्स डिग्री हासिल की है.

मोहम्मद इरफान अली

मोहम्मद इरफान अली गुयाना के वर्तमान राष्ट्रपति हैं, वो गुयाना के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति हैं, बता दें गुयाना की 8 लाख की आबादी में से करीब आधे भारतीय मूल के लोग हैं.

 

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