नई दिल्ली : पिछले सप्ताह ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपना इस्तीफ़ा दे दिया. अब वह देश की कंज़र्वेटिव पार्टी के नेता नहीं हैं. अब देश को नए प्रधानमंत्री की आवश्यकता है. जहां आगामी 5 सितंबर को ब्रिटेन में देश के नए प्रधानमंत्री के नाम का एलान किया जाएगा. इस बात की जानकारी कंज़र्वेटिव […]
नई दिल्ली : पिछले सप्ताह ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपना इस्तीफ़ा दे दिया. अब वह देश की कंज़र्वेटिव पार्टी के नेता नहीं हैं. अब देश को नए प्रधानमंत्री की आवश्यकता है. जहां आगामी 5 सितंबर को ब्रिटेन में देश के नए प्रधानमंत्री के नाम का एलान किया जाएगा. इस बात की जानकारी कंज़र्वेटिव पार्टी के नेतृत्व ने दी है. पार्टी ने बताया है कि इस दिन पार्टी के नेता का चुनाव होना है जो देश का अगला प्रधानमंत्री बनेगा. मंगलवार से ही नए नेता के लिए चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है जहां अब तक कुल 11 उम्मीदवार सामने आए हैं. खबर थी कि इस रेस में ऋषि सुनक पीएम पद संभाल सकते हैं लेकिन उनके प्रधानमंत्री की राह अब थोड़ी मुश्किल होती नज़र आ रही है.
इस समय व्यापार मंत्री पेनी मोर्डेंट ( Penny Mordaunt) को ऋषि सुनक का सबसे बड़ा कम्पटीशन कहा जाए तो वह झूठ नहीं होगा. सुनक और पेनी के बीच कड़ी टक्कर दिखाई दे रही है. बता दें, पेनी मोर्डेंट ही ऋषि सुनक के बाद ऐसी दूसरी उम्मीदवार हैं, जिनके पास 20 से अधिक सांसदों का समर्थन आ गया हैं. इस रेस में अभी से 11 उम्मीदवार मैदान में उतर गए हैं. हालांकि अभी भी सुनक इस रेस में सबसे आगे हैं. उनके पास 40 सांसदों का समर्थन है. आगे समर्थन पाने के लिए वह जल्द ही ‘रेडी फॉर ऋषि’ अभियान शुरू करने वाले हैं. इसमें खतरे वाली बात ये है कि अभी भी कोई वोट पक्के नहीं हैं. मतलब कई ऐसे सांसद हैं जो आखिरी मौके पर अपना पाला बदल सकते हैं. ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती सबसे बड़े उम्मीदवारों को अपने पक्ष में लेने की है.
49 वर्षीय पेनी मोर्डेंट अपने गृह क्षेत्र पोर्ट्समाउथ से पार्टी की सांसद हैं. साल 2005 में उन्होंने सबसे पहले चुनाव लड़ा था. जिसमें वह लेबर पार्टी के सामने हर गई थीं. इसके बाद साल 2010 में उन्होंने दोबारा चुनाव न सिर्फ लड़ा बल्कि जीत भी हासिल की. पेनी को इन चुनावों में 7000 से ज्यादा वोटों से जीत मिली थी. सांसद बनने से पहले वह कंजर्वेटिव पार्टी की एक्टिव सदस्य थीं. साल 1995 में उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन की इस दौरान वह कंजर्वेटिव पार्टी की ओर से हेड ऑफ यूथ भी रहीं. उन्हें टोरी पार्टी की ब्रॉडकास्टिंग हेड भी बनाया गया था. वह पार्टी में कई अहम पदों पर भी रही हैं.
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