नई दिल्ली, ब्रिटेन में जारी प्रधानमंत्री रेस अब चीन और उसकी विस्तारवादी नीति पर आ गई है, ब्रिटेन की प्रधानमंत्री उम्मीदवार और सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी की लिज ट्रस ने ऋषि सुनक पर चीन पर कमजोर रुख करने का आरोप लगाया था. अब उसी आरोप पर ऋषि सुनक ने मुंहतोड़ जवाब दिया है. उन्होंने ना सिर्फ […]
नई दिल्ली, ब्रिटेन में जारी प्रधानमंत्री रेस अब चीन और उसकी विस्तारवादी नीति पर आ गई है, ब्रिटेन की प्रधानमंत्री उम्मीदवार और सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी की लिज ट्रस ने ऋषि सुनक पर चीन पर कमजोर रुख करने का आरोप लगाया था. अब उसी आरोप पर ऋषि सुनक ने मुंहतोड़ जवाब दिया है. उन्होंने ना सिर्फ चीन को दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा बता दिया है बल्कि पीएम बनने पर चीन के खिलाफ क्या-क्या एक्शन लिया जाएगा, इसके बारे में भी जानकारी दी है.
ऋषि सुनक ने स्पष्ट कर दिया है कि पूरी दुनिया के लिए इस समय चीन सबसे बड़ा खतरा है, जिस तरह से चीन ने अमेरिका और भारत जैसे देशों को अपना निशाना बनाया है, उसकी नीति स्पष्ट नज़र आ रही है. ऋषि सुनक ने जोर देकर कहा कि वर्तमान में चीन तकनीकी आक्रामकता दिखा रहा है, नई-नई तकनीक के जरिए दूसरे देशों के काम में हस्तक्षेप कर रहा है और बाधा डाल रहा है. अब इसे रोकने के लिए ऋषि सुनक ने नेटो जैसा एक और संगठन खड़ा करने की बात कही है, उनके मुताबिक आजाद देशों का एक ऐसा संगठन तैयार किया जाएगा जो चीनी आक्रामकता को रोकने का काम करेगा.
अपने संबोधन में ऋषि सुनक ने ये भी आरोप लगा दिया चीन द्वारा लंबे समय से ब्रिटेन के तकनीक की चोरी की जा रही है, उनके मुताबिक इस समय चीन देश में चल रहे विश्वविद्यालयों में घुसपैठ कर रहा है, और ताइवान जैसे देशों को डरा रहा है, हांग कांग में मानवधिकारों का उल्लंघन कर रहा है. इसके अलावा चीन की विस्तारवादी नीति का जिक्र करते हुए सुनक ने कहा कि इस समय चीन कई देशों अपने कर्ज तले दबा रहा है और फिर उनकी संपत्ति पर अपना कब्जा जमा रहा है. ऋषि सुनक ने अपनी आगे की रणनीति बताते हुए ये भी साफ कर दिया कि पीएम बनने पर वे ब्रिटेन में जारी उन 30 Confucius Institutes को बंद कर देंगे जिनका संचालन चीन द्वारा किया जाता है. सुनक ने आरोप लगाया कि इन इंस्टीट्यूट्स के जरिए चीनी प्रोपेगेंडा को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है.