नई दिल्ली: इस समय तुर्की और सीरिया विनाशकारी भूकंप के झटको के बाद की तबाही से गुजर रहा है. इस भूकंप को अब तक 12 दिन बीत चुके हैं और अब तक 46 हजार से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. पूरा देश इस समय मलबे के ढेर में बदल गया है. इसी बीच […]
नई दिल्ली: इस समय तुर्की और सीरिया विनाशकारी भूकंप के झटको के बाद की तबाही से गुजर रहा है. इस भूकंप को अब तक 12 दिन बीत चुके हैं और अब तक 46 हजार से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. पूरा देश इस समय मलबे के ढेर में बदल गया है. इसी बीच बड़ी जानकारी सामने आई है. दरअसल 12 दिनों से जारी रेस्क्यू ऑपरेशन जल्द ही ख़त्म किया जा सकता है. अलग-अलग देशों की कई रेस्क्यू टीमें आज रात से ही बचाव अभियान बंद कर सकती हैं.
बता दें, तुर्की समेत चार देशों में 6 फरवरी को भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. आज इस विनाशकारी भूकंप को आए हुए 13वां दिन है. जैसे जैसे दिन आगे बढ़ रहे हैं मलबे के पहाड़ के नीचे दबे लोगों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. जबकि पूरी संभावना है की मृतकों की संख्या आने वाले समय में बढ़ने वाली है. दूसरी ओर मलबे के पहाड़ों के नीचे किसी और के बचे होने की उम्मीद अब ख़त्म होती जा रही है. रेस्क्यू टीमों को मलबे के नीचे से केवल और केवल लाशों का ढेर ही मिल रहा है. बता दें, तुर्की में ही 3 लाख से ज्यादा अपार्टमेंट तहस-नहस हो चुके हैं.
डिजास्टर एंड इमरजेंसी मैनेजमेंट अथॉरिटी के प्रमुख यूनुस सेजर ने बताया है कि रविवार(19 फरवरी) की रात को खोज और बचाव के प्रयास काफी हद तक खत्म होने जा रहा है. क्योंकि अब लोगों के जीवित मिलने की संभावना लगभग ख़त्म हो गई है.आंकड़ों को देखें तो तुर्की में मरने वालों की संख्या 40,402 है, जबकि पड़ोसी देश सीरिया में 5,800 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं.
इतना ही नहीं भूकंप के बाद भी पीड़ित देश में कई तरह की समस्याओं ने घर कर लिया है. तुर्की के लोगों को अब स्वास संबंधी कई बीमारियों को झेलना पड़ रहा है. स्वास्थ्य मंत्री फहार्टिन कोका ने इस बात की जानकारी दी है और कहा है कि ‘आंतों और ऊपरी श्वसन संक्रमण में वृद्धि हुई है, लेकिन मरीजों की संख्या फिलहाल गंभीर स्थिति तक नहीं पहुंची है.’ इसके अलावा देश में पलायन की नई समस्या उपज गई है. बड़ी संख्या में लोग तुर्की के भूकंप प्रभावित क्षेत्रों से बाहर की ओर पलायन कर रहे हैं.
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