नई दिल्ली : भारत और कनाडा के बीच प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद जिस तरह का बवाल छिड़ा है. उसने उनके पिता और कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री पियरे इलियट ट्रूडो की याद भी दिला दी है. भारत से सबंध खराब चल रहे टूडो के विवाद से एक बात तो साफ नजर आती है […]
नई दिल्ली : भारत और कनाडा के बीच प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद जिस तरह का बवाल छिड़ा है. उसने उनके पिता और कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री पियरे इलियट ट्रूडो की याद भी दिला दी है. भारत से सबंध खराब चल रहे टूडो के विवाद से एक बात तो साफ नजर आती है की आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की मौत के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जसि्टन टूडो ने सीधा अरोप भारत पर लगा दिया उनका कहना है की हरदीप सिंह निज्जर की मौत की वज़ह के पीछे भारत का हाथ है, इसके पिछे की वजह किसी को तो नही मालूम मगर ये उनके पिता पियरे इलियट ट्रूडो की याद दिलाते है ,इलियट के दौर में भी भारत-कनाडा के संबंध खराब हुए थे बहुत ही कम लोगों को इस बात की जानकारी है.
जाने पुरा मामला क्या था जिस्टन के पिता भारत से क्यों थे नाराज
पियरे इलियट टूडो जनवरी 1971 को आए थे भारत दौरे मे कनाडाई विदेश सेवा के पूर्व अधिकारी गार पार्डी ने एक किताब में उनके दौरे का जिक्र किया है. उन्होंने बताया है कि
पियरे ट्रूडो ताज महल देखने गए थे उनका कहना है की पियारे का दौरा पॅाच दिन का था कहॅा जाता है की जब से ही भारत और कनाडा के बीच रिश्ते खराब है , फिर कनाडा ड्यूटेरियम यूरेनियम (CANDU) रिएक्टर ने परमाणु ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए यूरेनियम के इस्तेमाल की इजाजत दी. इससे भारत जैसे देशों को फायदा मिला अमेरिका और कनाडा दोनों ने भारत को परमाणु ऊर्जा देने मे मदद की और CIRUS न्यूक्लियर रिएक्टर बनाया गया,जो जुलाई 1960 में लागू किया गया.
प्रधानमंत्री पियरे ट्रूडो का कहना था की प्रोग्राम का मकसद शाति बनाए रखने के लिए है. अगर भारत परमाणु हथियार बनाएगा, तो कनाडा परमाणु सहयोग खत्म कर देगा.भारत ने 1974 मे पोखरण में पहला परमाणु धमाका किया .जब से ही कनाडा भारत से नाराजगी बनाए जा रहा है, मगर भारत का कहना था की यह शांतिपूर्ण तरीके से किया गया , मगर भारत की बात को नाकारते हुए कनाडाई सरकार ने परमाणु प्रोग्राम से सहयोग वापस ले लिया जब से ही दोनों देशों के बीच खटास पैदा हो गई थी.