नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय अमेरिका के दौरे पर हैं। उन्होंने शनिवार देर रात डेलावेयर में क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस सम्मेलन में वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा हुई। सभी नेताओं ने अलग-अलग मुद्दों पर अपने विचार रखे। अपने संयुक्त बयान में क्वाड नेताओं ने पूर्वी और दक्षिण चीन सागर के हालात […]
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय अमेरिका के दौरे पर हैं। उन्होंने शनिवार देर रात डेलावेयर में क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस सम्मेलन में वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा हुई। सभी नेताओं ने अलग-अलग मुद्दों पर अपने विचार रखे। अपने संयुक्त बयान में क्वाड नेताओं ने पूर्वी और दक्षिण चीन सागर के हालात पर चिंता जताई। बयान में कहा गया कि हम पूर्वी और दक्षिण चीन सागर के हालात को लेकर गंभीर हैं। हम विवादित क्षेत्रों के सैन्यीकरण और दक्षिण चीन सागर में जबरदस्ती और डराने वाले युद्धाभ्यास पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं और ऐसा करना जारी रखेंगे।
क्वाड नेताओं ने संयुक्त बयान में कहा कि हम खतरनाक युद्धाभ्यासों के बढ़ते इस्तेमाल समेत तटरक्षक और समुद्री मिलिशिया जहाजों के इस्तेमाल की निंदा करते हैं। हम समुद्री विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से और यूएनसीएलओएस में परिलक्षित अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार सुलझाना चाहते हैं।
QUAD Leaders’ Joint Statement: “…We are seriously concerned about the situation in the East and South China Seas. We continue to express our serious concern about the militarization of disputed features, and coercive and intimidating maneuvers in the South China Sea. We condemn… pic.twitter.com/a0o8ef3JI5
— ANI (@ANI) September 22, 2024
हम सब मिलकर करीब दो अरब लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। हम स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए एक साथ खड़े हैं। हम किसी भी अस्थिर या एकतरफा कार्रवाई का कड़ा विरोध करते हैं जो यथास्थिति को बदलने की कोशिश करती है। हम क्षेत्र में हाल ही में किए गए अवैध मिसाइल प्रक्षेपणों की निंदा करते हैं जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन करते हैं।
क्वाड नेताओं ने हिंद महासागर में भारत की भूमिका के लिए भारत और पीएम मोदी की तारीफ की। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत हिंद महासागर में महाशक्ति बनकर उभरा है। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका को भी भारत के अनुभवों से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। जापानी पीएम किशिदा ने कहा कि वह वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के आयोजन का समर्थन करते हैं।
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