नई दिल्ली: स्वीडन में मस्जिद के सामने कुरान फाड़ने का मामला बढ़ता ही जा रहा है जहां कई इस्लामिक देशों ने इस हमले को लेकर नाराज़गी जताई है. इसी कड़ी में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी कुरान जलाने की घटना पर आपत्ति जाहिर की है. गौरतलब है कि पुतिन ईद के मौके पर दागिस्तान […]
नई दिल्ली: स्वीडन में मस्जिद के सामने कुरान फाड़ने का मामला बढ़ता ही जा रहा है जहां कई इस्लामिक देशों ने इस हमले को लेकर नाराज़गी जताई है. इसी कड़ी में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी कुरान जलाने की घटना पर आपत्ति जाहिर की है. गौरतलब है कि पुतिन ईद के मौके पर दागिस्तान पहुंचे थे जिस दौरान उन्होंने कहा कि कुरान की बेअदबी को अपराध के तौर पर नहीं देखा जाता लेकिन ये एक दंडनीय अपराध है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.
दरअसल राष्ट्रपति पुतिन ईद के मौके पर मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र दागिस्तान पहुंचे थे जिस दौरान उन्होंने ये बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि मुस्लिम लोगों के लिए कुरान बेहद पवित्र है. उन्होंने आगे कहा कि हम जानते हैं कि अन्य देशों में प्रदर्शनकारी इसे लेकर अलग-अलग तरह से बर्ताव करते हैं जो धार्मिक भावनाओं का सम्मान नहीं करते हैं. हालांकि किसी भी धर्म की मान्यताओं पर हमला करना अपराध नहीं है लेकिन किसी धर्म की मान्यताओं का जान बूझकर मखौल उड़ाना और धार्मिक भावनाओं को आहत करना रूस में आपराधिक संहिता के अनुच्छेद 282 के तहत आती है.
पुतिन ने इस दौरान ने दागिस्तान की जुमा मस्जिद का भी दौरा किया जो दर्बेंट में है. इस बीच उन्होंने कुरान को भेंट के तौर पर दिया और दर्बेंट संग्रहालय संरक्षक के निदेशक से मुलाकात भी की.
ईद-उल-अजहा की छुट्टियों के दौरान ये मामला सामने आया है जब मस्जिद के सामने कुरान जलाई गई. इस घटना को लेकर सऊदी अरब, तुर्की, मोरक्को जैसे मुस्लिम देशों ने नाराज़गी जताई है. वहीं मुस्लिम वर्ल्ड लीग ने भी इस घटना की आलोचना की है. कुरान जलाने का ये मामला स्टॉकहोम सेंट्रल मस्जिद के सामने का है जहां आरोपी शख्स का नाम सलवान मोमिका है. जानकारी के अनुसार सलवान सालों पहले इराक से भागकर स्वीडन आया था. स्वीडन के अधिकारियों ने कुरान लेकर विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दे दी जिसके बाद बुधवार को मस्जिद के सामने इसे जलाया गया.