नई दिल्ली: मालदीव में संपन्न हुए राष्ट्रपति चुनाव में चीन समर्थक मोहम्मद मुइज्जू की जीत हुई है. जीत के साथ ही मुइज्जू ने साफ कर दिया है कि वह चीन की ही बोली बोलेंगे. दरअसल मोहम्मद मुइजू ने एक बार फिर से भारतीय सेना को मालदीव से हटाने की बात दोहराई है. मीडिया रिपोर्ट के […]
नई दिल्ली: मालदीव में संपन्न हुए राष्ट्रपति चुनाव में चीन समर्थक मोहम्मद मुइज्जू की जीत हुई है. जीत के साथ ही मुइज्जू ने साफ कर दिया है कि वह चीन की ही बोली बोलेंगे. दरअसल मोहम्मद मुइजू ने एक बार फिर से भारतीय सेना को मालदीव से हटाने की बात दोहराई है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने अपने ताजा बयान में कहा है कि अपने कार्यकाल के शुरू होने के पहले दिन से ही मालदीव की जमीन से विदेशी सैनिकों को हटाना शुरू करेंगे. बता दें कि मुइज्जू ने मालदीव में हुए चुनाव में वर्तमान राष्ट्रपति मोहम्मद सोलिह को शिकस्त दी है.
मालदीव में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव संपन्न हुआ है. इस चुनाव में चीन के समर्थक माने जाने वाले मोहम्मद मुइज्जू की जीत हुई है. चुनाव जीतने के बाद उन्होंने चीन के प्रति अपना समर्थन दिखा दिया है. दरअसल चुनाव जीतने के साथ ही मुइज्जू ने कहा कि देशवासियों की इच्छा के खिलाफ कोई भी विदेशी सैनिक मालदीव में नहीं रहेगा. उन्होंने कहा कि वो कार्यभार संभालने के पहले दिन से ही विदेशी सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे. उन्होंने आगे कहा कि इसी प्रतिज्ञा के कारण लोगों ने उन्हें वोट दिया है. ऐसे में वो अपनी बात पर कायम रहेंगे.
अपने संबोधन में मोहम्मद मुइज्जू ने देश की वर्तमान अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि विदेशी सैनिकों के अलावा देश की अर्थव्यवस्था भी एक बहुत बड़ा मुद्दा है. उन्होंने बिना किसी देश का नाम लिए कहा कि मालदीव का आधा से अधिक कर्ज एक देश पर बकाया है. उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा कि वो अर्थव्यवस्था के मसले को राजनयिक चैनलों के माध्यम से हल करेंगे. मोहम्मद मुइज्जू ने आगे दावा किया कि चुनाव में जीत हासिल करने के बाद कई देशों के राजदूतों ने उनके मीटिंग का अनुरोध किया हैं.
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