Pakistan: नई दिल्ली, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इस समय काफी मुश्किलों का सामना कर रहे है. एक तरफ जहां देश की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था और बढ़ती महंगाई के खिलाफ बढ़ते विरोध प्रदर्शनों ने उनकी नींद उड़ा रखी है वहीं दूसरी तरफ देश भारी विदेशी कर्ज के बोझ के तले दबता चला जा रहा है. इसी बीच पाकिस्तान […]
नई दिल्ली, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इस समय काफी मुश्किलों का सामना कर रहे है. एक तरफ जहां देश की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था और बढ़ती महंगाई के खिलाफ बढ़ते विरोध प्रदर्शनों ने उनकी नींद उड़ा रखी है वहीं दूसरी तरफ देश भारी विदेशी कर्ज के बोझ के तले दबता चला जा रहा है. इसी बीच पाकिस्तान की संसद में पेश हुए एक प्रस्ताव ने इमरान खान की प्रधानमंत्री पद की कुर्सी को खतरे में डाल दिया है.
पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने मंगलवार को इमरान सरकार पर आर्थिक मोर्चे पर विफल होने का आरोप लगाते हुए संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया. इस प्रस्ताव पर पाकिस्तान के मुख्य विपक्षी दल मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के 100 से अधिक सांसदो ने अपने हस्ताक्षर किए. जिसके बाद ये प्रस्ताव पास हो गया. अब इमरान सरकार को संसद में अपना बहुमत सिद्ध करना होगा.
बता दे कि पाकिस्तान के संविधान के अनुसार किसी भी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को पेश करने के लिए कम से कम 68 संसद सदस्यों के हस्ताक्षर की जरूरत होती है. अभी पाकिस्तान के संसद में कुल 342 सीटें है और बहुमत का आकड़ा 172 है।
संसद में अविश्वास प्रस्ताव के पास होने के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि मेरी सरकार को देश की सेना का समर्थन है. सेना कभी भी इन चोरों का साथ नहीं देगी. इमरान ने कहा कि विपक्षी दल मेरे सांसदो को खरीदने की कोशिश कर रहे है लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगेगा और ये सरकार 2023 में चुनाव जीतकर 2028 तक इसी तरह राज करेगी।
अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के बाद विपक्षी दलों ने कहा कि इमरान सरकार महंगाई रोकने में पूरी तरह असफल रही है. विपक्षी दलों ने दावा करते हुए कहा कि उनके पास सरकार गिराने के लिए जरूरी पर्याप्त सांसद है और वो आश्वस्त है कि इमरान सरकार सदन में अपना बहुमत सिद्ध नहीं कर पाएगी. गौरतलब है कि इमरान खान 2018 के आमचुनाव में चुनकर सत्ता में आए थे. अगर वह इस अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ अपनी सरकार बहुमत सिद्ध कर लेते है तो उनका कार्यकाल 2023 तक चलेगा।