नई दिल्ली, पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ़ अल्वी ने पाक के नए वज़ीर-ए-आला की एक सलाह को सिरे से नकार दिया है. पिछले दिनों प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने पंजाब के गवर्नर उम्र सरफ़राज़ चीमा को हटाने की सलाह दी थी. इस बात को राष्ट्रपति ने नामंज़ूर कर दिया है. صدر مملکت ڈاکٹر عارف علوی نے گورنر […]
नई दिल्ली, पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ़ अल्वी ने पाक के नए वज़ीर-ए-आला की एक सलाह को सिरे से नकार दिया है. पिछले दिनों प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने पंजाब के गवर्नर उम्र सरफ़राज़ चीमा को हटाने की सलाह दी थी. इस बात को राष्ट्रपति ने नामंज़ूर कर दिया है.
صدر مملکت ڈاکٹر عارف علوی نے گورنر پنجاب کو ہٹانے کا وزیراعظم کی ایڈوائس مسترد کردی
گورنر پنجاب کو صدر پاکستان کی منظوری کے بغیر نہیں ہٹایا جاسکتا، صدر مملکت
آئین کے آرٹیکل 101 کی شق 3 کے مطابق "گورنر صدر مملکت کی رضا مندی تک عہدے پر قائم رہے گا"، صدر مملکت pic.twitter.com/wZOYq3shCX
— The President of Pakistan (@PresOfPakistan) May 9, 2022
सोमवार को पीएम शहबाज़ शरीफ की सलाह को ठुकराने का कारण बताते हुए राष्ट्रपति कार्यालय ने एक ट्वीट भी किया. उन्होंने इस फैसले की वजह बताई. राष्ट्रपति कार्यालय ने लिखा, पंजाब के गवर्नर को राष्ट्रपति की स्वीकृति के बिना हटाया नहीं जा सकता. ‘राष्ट्रपति कार्यालय ने आगे बताया कि पाकिस्तान संविधान के अनुच्छेद 101 (3) के मुताबिक़- राष्ट्रपति की सहमति तक गवर्नर अपने पद पर बने रहेंगे.’ राष्ट्रपति ने ये भी कहा कि पंजाब के गवर्नर पर इस समय किसी भी तरह के आरोप नहीं हैं न ही उनके खिलाफ देश की किसी अदालत में मामला दर्ज़ हैं जिसके वह दोषी हैं. उन्होंने किसी भी प्रकार का असवैंधानिक काम नहीं किया है, इस कारण उन्हें हटाया नहीं जा सकता.
पिछले सप्ताह पाकिस्तान के पीएम शहबाज़ शरीफ़ सरकार द्वारा, राष्ट्रपति के पास पंजाब के गवर्नर चीमा को हटाने की सिफ़ारिश भेजी थी. बता दें, चीमा पंजाब के वो गवर्नर हैं जिनकी नियुक्ति पाकिस्तान की पिछली सरकार में पीएम इमरान ख़ान ने अपनी सत्ता के आख़िरी दिनों के वक्त की थी. अब पंजाब में चीमा की नियुक्ति पर मौजूदा पीएम शहबाज़ शरीफ आपत्ति जता रहे हैं. मालूम हो पंजाब में पिछले दिनों संवैधानिक संकट पैदा हो गया था, जब चीमा ने हम्ज़ा शहबाज़ को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने से इनकार कर दिया था. इस मामले में लाहौर हाई कोर्ट ने भी हस्तक्षेप किया था.
बता दें, इस साल का मार्च महीना पाकिस्तान की सत्ता के लिए काफी उथल-पुथल से भरा रहा. जहां तत्कालीन पीएम इमरान खान पर विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव संसद में पेश किया था जिसपर मौजूदा सरकार अपना बहुमत साबित नहीं कर पाई थी. राजनीतिक उठापटक के बाद संयुक्त विपक्ष ने शहबाज़ शरीफ को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया था.
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