नई दिल्ली। चीन में कोरोना के कहर के बीच राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने गुरुवार को शीर्ष नेताओं की बैठक बुलाई. इसमें उन्होंने चीन में डायनमिक जीरो कोविड पॉलिसी की अहमियत पर जोर देते हुए इस पर विस्तार से बात की. उन्होंने इसके आर्थिक परिणामों पर भी चर्चा की. बैठक में जिनपिंग ने जीरो कोविड नीति […]
नई दिल्ली। चीन में कोरोना के कहर के बीच राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने गुरुवार को शीर्ष नेताओं की बैठक बुलाई. इसमें उन्होंने चीन में डायनमिक जीरो कोविड पॉलिसी की अहमियत पर जोर देते हुए इस पर विस्तार से बात की. उन्होंने इसके आर्थिक परिणामों पर भी चर्चा की. बैठक में जिनपिंग ने जीरो कोविड नीति की आलोचना करने वालों के खिलाफ सख्त चेतावनी भी जारी की है. आपको बता दें कि अभी चीन में कोरोना को लेकर सरकार की नीति का काफी विरोध हो रहा है. इतना ही नहीं इससे चीन की अर्थव्यवस्था भी लड़खड़ा रही है.
सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की सुप्रीम पोलित ब्यूरो की स्थायी समिति ने शून्य कोविड नीति के दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करने और इस नीति को गलत तरीके से पेश करने, संदेह करने या अस्वीकार करने वालों से सख्ती से निपटने का आह्वान किया. आपको बता दें कि शंघाई के सख्त लॉकडाउन को लेकर जनता के आक्रोश के बाद यह पहला मौका है. जब जिनपिंग ने शिखर सम्मेलन में चीन की कोविड के खिलाफ लड़ाई को लेकर सार्वजनिक रूप से टिप्पणी की है.
बैठक में समूह ने यह भी घोषणा की कि उनका उद्देश्य शून्य कोविड नीति के बारे में सोचने में अपर्याप्त जागरूकता, तैयारी, श्रम, तिरस्कार, अरुचि और नकारात्मकता से निपटना है. वहीं लंबे समय से चीनी राजनीति पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों के अनुसार बैठक कर यह गंभीर चेतावनी जारी करना इस बात का संकेत है कि जिनपिंग की जीरो कोविड नीति का पार्टी के भीतर भी विरोध रहा है.
आपको बता दें कि चीन की आर्थिक राजधानी शंघाई में 2 महीने से लॉकडाउन है. कई अन्य शहरों में भी लॉकडाउन है. लॉकडाउन के चलते घरों में कैद लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. शंघाई में पिछले पांच हफ्तों से बड़ी संख्या में लोग सोशल मीडिया पर मदद की गुहार लगा रहे हैं. यहां लगातार भोजन की कमी, इलाज के अभाव और अन्य समस्याओं को लेकर लोग आवाज उठा रहे हैं. कुछ लोगों ने विरोध में खिड़कियों से बर्तन बजाकर विरोध किया. कई जगहों पर सड़क पर लोगों की पुलिस और स्वास्थ्य कर्मियों से झड़प की भी खबरें आ रही हैं. मालूम हो कि शंघाई के बाद अब बीजिंग में सख्त लॉकडाउन लागू होने का डर सता रहा है. यहां 20 अप्रैल से अब तक 500 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं.