नई दिल्ली : बीबीसी यानी (ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन) द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनाई गई डॉक्यूमेंटरी फिल्म इस समय विवादों में है. इस फिल्म को यूट्यूब से भी हटा दिया गया है. दरअसल इस डॉक्यूमेंटरी में प्रधानमंत्री मोदी के राजनीति करियर को काफी करीब से दिखाया गया है. जिसमें गुजरात दंगों के समय बतौर गुजरात […]
नई दिल्ली : बीबीसी यानी (ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन) द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनाई गई डॉक्यूमेंटरी फिल्म इस समय विवादों में है. इस फिल्म को यूट्यूब से भी हटा दिया गया है. दरअसल इस डॉक्यूमेंटरी में प्रधानमंत्री मोदी के राजनीति करियर को काफी करीब से दिखाया गया है. जिसमें गुजरात दंगों के समय बतौर गुजरात मुख्यमंत्री उनके कार्यकाल का भी ज़िक्र है. बीते दिनों विदेश मंत्रालय ने इस फिल्म को प्रोपगेंडा का हिस्सा बताया है. भारत सरकार इसका विरोध कर पाती इससे पहले ही ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक की प्रतिक्रिया सामने आ गई है.
UK Government PM Rishi Sunak Criticizes BBC Report:
UK PM Rishi Sunak dismisses Pakistani-origin Imran Hussain, a British MP, appearing in the House in connection with an allegation against PM Modi, which was conducted by BBC. pic.twitter.com/Uu3O72g1tU
— Kapil (@kapilkumaron) January 19, 2023
दरअसल पाकिस्तान मूल के सांसद इमरान हुसैन ने इसी डॉक्यूमेंट्री का हवाला देते हुए मुद्दा ब्रिटेन की संसद में उठाया था. संसद में मौजूद पीएम ऋषि सुनक ने उनकी एक नहीं चलने दी. पीएम सुनक ने इस डॉक्यूमेंट्री को एक तरह से खारिज करते हुए इमरान हुसैन से कहा कि यूके सरकार की स्थिति स्पष्ट और लंबे समय से चली आ रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि यूके सरकार की स्थिति बदली नहीं है। पीएम सुनक ने आगे यह भी कहा, ‘बेशक, हम कहीं भी उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं करते हैं, लेकिन माननीय सज्जन ने जो चरित्र चित्रण किया है, उससे मैं बिल्कुल सहमत नहीं हूं।’
यह फिल्म पीएम मोदी के राजनीति करियर का गहन अध्ययन करती है. जिसमें बतौर गुजरात के मुख्यमंत्री उनका कार्यकाल भी शामिल है. बता दें, बतौर गुजरात सीएम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यकाल 2002 में राज्य को हिलाकर रख देने वाले दंगों से प्रभावित था. इस हिंसा में 2000 लोगों ने जान गंवाई थी.
एक समाचार एजेंसी के अनुसार इस डॉक्यूमेंट्री में गुजरात की तत्कालीन भाजपा सरकार की दंगों से निपटने के लिए तीखी आलोचना की गई थी. इसमें विरोधियों ने तर्क भी दिया कि यह सरकार की मिलीभगत थी. इसमें आगे कहा गया कि मोदी यूके और यूएस के एक महत्वपूर्ण सहयोगी हैं और दक्षिण पूर्व एशिया में चीनी शक्ति के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतिद्वंद्वी माने जाते हैं. हालाँकि, उन्हें देश और विदेश में बहुत आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। उनके विरोधियों का आरोप है कि यह भारत में राजनीतिक अधिकारों का क्षरण है.
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