मालदीव के नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण में किरेन रिजिजू करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व, पीएम मोदी नहीं होंगे शामिल

नई दिल्ली। भारत और मालदीव के रिश्तों में खटास के बीच नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी शामिल नहीं होंगे। उनकी जगह समारोह में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। बता दें कि मोइज्जू ने इस समारोह में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को निमंत्रण भेजा था। […]

Advertisement
मालदीव के नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण में किरेन रिजिजू करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व, पीएम मोदी नहीं होंगे शामिल

Arpit Shukla

  • November 16, 2023 11:42 am Asia/KolkataIST, Updated 12 months ago

नई दिल्ली। भारत और मालदीव के रिश्तों में खटास के बीच नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी शामिल नहीं होंगे। उनकी जगह समारोह में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। बता दें कि मोइज्जू ने इस समारोह में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को निमंत्रण भेजा था।

2018 में हुए थे शामिल

इससे पहले जब साल 2018 में मोहम्मद सोलिह का शपथ ग्रहण समारोह हुआ था तो पीएम मोदी उस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मालदीव गए थे। मालदीव की उनकी यात्रा ने दोनों मुल्कों के बीच मजबूत संबंधों की आधारशिला रखी थी। बता दें कि चीन समर्थक नेता माने जाने वाले मुइज्जू ने सितंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में निवर्तमान राष्ट्रपति सोलिह को हराया था।

शी जिनपिंग को भी भेजा निमंत्रण

राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के बाद मुइज्जू ने कहा है कि वह अपने देश से भारतीय सैनिकों को निकालने के अपने चुनाव में किए गए वादे को पूरा करेंगे। सोलिह के शपथ-ग्रहण समारोह में शामिल होने वाले मेहमानों में पीएम मोदी किसी अन्य देश के एकमात्र सरकार प्रमुख थे, ऐसा माना जा रहा है कि मुइज्जू के शपथ-ग्रहण समारोह के लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग सहित कई विदेशी नेताओं को आमंत्रित किया गया है।

क्या कहा विदेश मंत्रालय ने?

विदेश मंत्रालय ने कहा कि मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के निमंत्रण पर उनके शपथ-ग्रहण समारोह कार्यक्रम में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू 16 से 18 नवंबर तक मालदीव में रहेंगे। मंत्रालय ने कहा कि शपथ-ग्रहण समारोह में मंत्री का उच्चस्तरीय प्रतिनिधित्व दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण सहयोग को बढ़ाने और लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने की भारत की प्रतिबद्धता को दिखाता है।

Advertisement