पाकिस्तान नई दिल्ली, पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ को पूरी दुनिया के सुप्रीम लीडर्स बधाई भेज रहे हैं. हाल ही में पीएम मोदी ने भी उन्हें इस नए पद की शुभकामनाएं दी थी. अब प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शहबाज़ शरीफ को चिट्ठी लिखी गयी है. पीएम मोदी की शहबाज़ को चिट्ठी पर्याप्त जानकारी के मुताबिक […]
नई दिल्ली, पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ को पूरी दुनिया के सुप्रीम लीडर्स बधाई भेज रहे हैं. हाल ही में पीएम मोदी ने भी उन्हें इस नए पद की शुभकामनाएं दी थी. अब प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शहबाज़ शरीफ को चिट्ठी लिखी गयी है.
पर्याप्त जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी की ये चिट्ठी शहबाज़ शरीफ द्वारा पद सँभालने के बाद लिखी गयी है. इस खत में उनको उनके पद के लिए बधाई के साथ-साथ आतंकवाद के खिलाफ भी बात की गयी है. ख़बरों की मानें तो इस चिट्ठी में प्रधानमंत्री ने शहबाज़ शरीफ को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया है. बता दें पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ट्वीट के तर्ज़ पर भी नवनियुक्त पीएम शहबाज़ के लिए बधाई दी गयी थी और आतंकवाद के खिलाफ बातचीत करने पर भी ज़ोर दिया गया था.
मालूम हो कि पाकिस्तान के पूर्व पीएम रहे नवाज़ शरीफ को पीएम मोदी द्वारा उनके शपथग्रहण के लिए भारत आमंत्रित किया गया था. अब पाकिस्तान की गद्दी उन्हीं के छोटे भाई शहबाज़ शरीफ के नाम है तो देखने वाली बात ये रहेगी कि क्या पीएम मोदी के रिश्ते इनके साथ भी उसी तरह रहेंगे जैसे नवाज़ शरीफ के लिए थे. अब शहबाज़ शरीफ पाकिस्तान के 23वे प्रधानमंत्री बन चुके हैं. जहां उन्होंने इमरान खान की सरकार के खिलाफ बहुमत रद्द होने पर शपथ ग्रहण की. इमरान खान की सरकार संसद में विपक्ष द्वारा लाये अविश्वास प्रस्ताव को लेकर अपना बहुमत सिद्ध नहीं कर पायी थी जिसे लेकर काफी सियासी हंगामा हुआ और आखिर में इमरान खान की सरकार को सत्ता से हाथ धोना पड़ा.
बता दें इससे पहले पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री को तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन और पीएम मोदी ने भी अपने एक संदेश के साथ बधाई दी थी. जहाँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में नए नेतृत्व के साथ नए सहयोग की उम्मीद भी जताई थी. इसके अलावा तुर्की के राष्ट्रपति ने बताया था कि दोनों देशों के संबंध पहले से ही मज़बूत हैं जिसे लेकर वह आने वाले दिनों में और भी मज़बूत संबंधों की आशा करते हैं. उनके शब्दों में, ज़्यादा मुश्किलों के बावजूद भी पाकिस्तान ने खुद को लोकतंत्र से दूर नहीं होने दिया और कानून व्यवस्था भी बनी रही. तुर्की पाकिस्तान को हर स्थिति में मदद करने के लिए तैयार है.