PM मोदी के अमेरीकी दौरे और राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात के बाद एक शख्स पूरी प्रेस कांफ्रेस में छाया रहा. आखिर वो कौन है और उसके साथ कौन सा हिसाब रह गया है जिसे भारत को बराबर करना है, जानें विस्तार से.
नई दिल्ली. पीएम मोदी और अमेरिकान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेस में दोनों देशों का व्यापार दो गुना करने से लेकर टैरिफ घटाने, भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाने, आतंकवाद का इलाज करने और एशिया-प्रशांत क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने तक तमाम मुद्दों पर बातचीत हुई. संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में वैसे तो कई मसलों पर बात हुई लेकिन एक शख्स पूरी प्रेस कांफ्रेस में छाया रहा. खुद डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत को जिसका इंतजार था उसे हम सौंपने जा रहे हैं. इस पर पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप का आभार व्यक्त किया और कहा कि देश की अदालत अब उसका हिसाब करेगी.
राष्ट्रपति ट्रंप जिस शख्स का बार बार जिक्र कर रहे थे उसका नाम है तहव्वुर राणा. अमेरिका जल्दी ही उसका प्रत्यर्पण कर देगा. अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप की सत्ता में वापसी के अगले दिन ही राणा के प्रत्यर्पण पर मुहर लगा दी थी. ट्रंप ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मेरे प्रशासन ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के साजिशकर्ताओं में से एक तहव्वुर राणा जो कि दुनिया के सबसे बुरे लोगों में से एक है उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है. इस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्रंप का शुक्रिया अदा किया और कहा कि सीमा पार आतंकवाद के खात्मे के लिए ठोस कार्रवाई जरूरी है.
पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा वो जल्लाद है जिसने 2008 में मुंबई में कत्लेआम मचवाया था. वह भारत का सबसे बड़ा दुश्मन और मोस्ट वांटेड है. उसका जन्म पाकिस्तान में हुआ और वह पेशे से डॉक्टर है. पाकिस्तानी सेना में वह डॉक्टर की सेवाएं दे चुका है. डॉक्टर का काम है लोगों को जिंदगी देना लेकिन यह शख्स जल्लाद बन गया और मुंबई अटैक में नरसंहार कराया. तारीख थी 26 नवंबर 2008, आतकंवादी थे 10 जो पाकिस्तान से समुद्री रास्ते से नाव के जरिए मुंबई में उतरे थे. ताबड़तोड़ फायरिंग कर 166 लोगों को मार डाला था और 200 से अधिक लोग घायल हो गये थे.
मुंबई हमले का मास्टर माइंड डेविड हेडली और तहव्वुर राणा को माना जाता है. बताते हैं कि राणा ने ही मुंबई में कत्लेआम के लिए फाइनेंस किया था. अब अमेरिका ने उसको भारत भेजने के लिए रास्ता साफ कर दिया है जहां पर उसके गुनाहों का हिसाब होगा. भारत तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के लिए घटना के बाद से ही प्रयासरत था लेकिन उसके अमेरिका में होने के कारण कानूनी पेंचदगियां थी जिसे अब दूर कर लिया गया है.
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