स्विटजर्लेंड के दावोस में पीएम मोदी ने आतंकवाद, संरक्षणवाद और जलवायु परिवर्तन को दुनिया के सामने खड़ी बड़ी चुनौतियां बताया. आतंकवाद के मुद्दे पर पीएम मोदी ने पाकिस्तान को निशाने पर लिया वहीं संरक्षणवाद के मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों को निशाने पर लिया. पीएम मोदी ने कहा कि लोग आतंकवाद में भी अच्छा और बुरा ढूंढने लगते हैं जो कि बहुत बुरी बात है.
दावोस. स्विट्जर्लेंड के दावोस में विश्व आर्थिक फोरम की 48वीं सालाना बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के सामने तीन बड़ी चुनौतियां बताईं. उन्होंने कहा कि दुनिया के सामने पहला खतरा जलवायु परिवर्तन है. आर्कटिक की बर्फ पिघलती जा रही, ग्लेसियर पीछे हटते जा रहे हैं. एक्सट्रीम वेदर का प्रभाव दिन-ब-दिन बढ़ रहा है और बहुत से द्वीप डूबने वाले हैं या डूर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने बड़ा सवाल उछालते हुए कहा कि हर कोई कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए कहता है लेकिन ऐसे कितने देश या लोग हैं जो विकासशील देशों और समाजों को उपयुक्त तकनीक उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराना चाहते हैं?
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की प्राचीन परंपरा में प्रकृति के साथ गहरे तालमेल का भी जिक्र किया. साथ ही उन्होंने भारत द्वारा सौर ऊर्जा समेत दूसरे विकल्पों पर कदम बढ़ाने का जिक्र किया. इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया के सामने दूसरा सबसे बड़ा खतरा आतंकवाद को बताया. पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सबसे बुरी स्थिति तो यह है कि ये लोग अच्छे और बुरे आतंक के बीच फर्क करने लगते हैं. युवा तेजी से कट्टरपंथ की राह पर चल पड़े हैं, यह देखकर दुख होता है.
इसके अलावा पीएम मोदी ने वैश्वीकरण के विपरीत संरक्षणवाद को दुनिया के सामने तीसरी सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि संरक्षणवाद की ताकतें सिर उठा रही हैं. उनकी मंशा है कि न सिर्फ वे खुद वैश्वीकरण से बचें बल्कि वैश्वीकरण के प्राकृतिक गवाह का रुख भी पलट दें. इसका परिणाम यह है कि नए-नए प्रकार के टैरिफ और नॉन टैरिफ बैरियर देखने को मिलते हैं. पीएम मोदी ने संरक्षणवाद पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप की नीतियों को निशाने पर लिया.
दावोस में पीएम मोदी ने दुनियाभर के प्रतिनिधियों के सामने भारत की ”वसुधैवकुटुंबकम” नीति का जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि साल 1997 में यूरो मुद्रा नहीं था, उस वक्त न ब्रेजिक्ट के आसार थे. उस वक्त बहुत कम लोगों ने ओसामा बिन लादेन और हैरी पॉटर का नाम सुना था. उस वक्त शतरंज के खिलाड़ियों को कंप्यूटर से हारने का खतरा नहीं था. उस वक्त अगर आप नेट पर अमेजन का नाम ढूंढते तो नदियों और चिड़ियों का नाम मिलता. उस वक्त ट्वीट करना चिड़ियों का काम था. इस तरह से देखा जाए तो उस जमाने में भी दावोस अपने समय से आगे था और आज भी है.
पीएम मोदी ने कहा कि आज डेटा बहुत बड़ी संपदा है. आज डेटा के पहाड़ के पहाड़ बनते जा रहे हैं और उसपर नियंत्रण की होड़ लगती जा रही है. कहा जा रहा है कि जिसका डेटा पर नियंत्रण होगा वही दुनिया में अपनी ताकत कायम रखेगा. इसके अलावा पीएम मोदी ने लोकतंत्र को राजनीतिक व्यवस्था के बजाय जीवन शैली बताया. उन्होंने कहा कि हम भारतीय विभिन्न आयामों के संकल्प के दायित्व को अच्छे से समझते हैं. भारत में लोकतंत्र सवा सौ करोड़ लोगों के सपनों, आकांक्षाओं और उनके विकास के लिए एक रोडमैप भी तैयार करता है. भारत के करोड़ों मतदाताओं ने 2014 में किसी एक पार्टी को पूर्ण बहुमत दिया.
Let us think about what we can do to mitigate climate change. @wef #IndiaMeansBusiness https://t.co/plnF2ehgs8 pic.twitter.com/ZrEKuHGVRY
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Terrorism is dangerous. Worse is when people say there is a difference between ‘good’ and ‘bad’ terror. It is painful to see some youngsters getting radicalised: PM @narendramodi at @wef
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PM @narendramodi speaks about globalisation at the @wef. #IndiaMeansBusiness pic.twitter.com/45b5tRcbIs
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