नई दिल्ली: जापान के जी-7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के बाद PM मोदी आज शाम जापान से सीधे पापुआ न्यू गिनी के दौरे पर पहुंचे हैं. जहां उनका भव्य स्वागत किया गया. दरअसल PM मोदी के एयरपोर्ट पहुंचते ही, उनके स्वागत में खड़े मेजबान देश के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने उनका पैर छूकर भव्य स्वागत किया.
PM मोदी का यह स्वागत एक और कारण से भी खास माना जा रहा है उस देश में यह परंपरा है की वहां सूर्यास्त के बाद आए मेहमान का किसी भी रूप में औपचारिक स्वागत नहीं किया जाता है. PM मोदी पहले शख्स हैं जिनके लिए ये परंपरा तोड़ी गई और उनका खास तरीके से स्वागत किया गया.
बता दें कि प्रशांत महासागर में स्थित यह देश रात में पहुंचे विदेशी मेहमानों का कोई औपचारिक या राजकीय सम्मान के साथ स्वागत नहीं करता है. लेकिन भारत की वैश्विक मंच पर अहमियत और PM मोदी की प्रसिद्धता के मद्देनजर वहां के सरकार ने इस परंपरा को तोड़ते हुए पहली बार ये फैसला लिया.
पापुआ न्यू गिनी में बसे भारतीय PM मोदी के इस दौरे को लेकर काफी उत्साहित नजर आए. वहां बसे भारतीय लोगों ने भी PM मोदी का स्वागत किया और PM मोदी ने भी कई लोगों से मुलाकात की. कई भारतीय उनके साथ फोटो खिंचाने को उत्साहित दिखे. कई लोगों ने तो उन्हें तोहफे भी दिए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फोरम फॉर इंडिया-पैसिफिक कॉर्पोरेशन (FIPIC) समिट में भी शामिल होने जा रहे हैं. बता दें कि इस समिट में 14 देशों के नेता हिस्सा लेंगे. वहीं PM मोदी सामुदायिक कार्यक्रम के दौरान एक घोषणा करने वाले हैं, जिसमें ऑस्ट्रेलिया में बसे हैरिस पार्क क्षेत्र का जिक्र करने वाले हैं. बता दें कि ऑस्ट्रेलिया में स्थित इस क्षेत्र को अब ‘लिटिल इंडिया’ के नाम से जाना जाएगा.
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के हिरोशिमा दौरे के दौरान G7 सत्र को संबोधित किया और आश्चर्य जताते हुए कहा की संयुक्त राष्ट्र का गठन विभिन्न मंचों और देशों में शांति और स्थिरता बनाए रखने और ऐसे मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए किया गया था. आगे उन्होंने कहा कि ‘यह तो विश्लेषण या छान-बिन का विषय है. हमें विभिन्न जगहों के विभिन्न मंचों पर इस बात का जिक्र और शांति और स्थिरता करने की जरुरत क्यों करनी पड़ रही है? आगे उन्होंने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि ‘संयुक्त राष्ट्र’ जिसको शांति स्थापित करने के विचार से शुरू किया गया था, वह इससे जुड़े संघर्षों को रोकने में असफल क्यों है?
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