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ये लो पानी वाले ने कर दिया खेला, पलट डाला बांग्लादेश का ही तख्ता, पीएम को किया देश छोड़ने पर मजबूर!

नई दिल्ली: अभी कुछ दिनों पहले हमने देखा की प्रधानमंत्री शेख हसीना बांग्लादेश छोड़कर भाग गई. इसका वजह आपको पता ही होगा. वहीं उनमें से एक ऐसी वजह सामने आई  है, जिसको सुनते ही छात्रों का गुस्सा और बढ़ गया. जी हां… ये पूरी कहानी है एक पानी पिलाने वाले की मौत की. दरअसल, ये […]

shiekh hasina
inkhbar News
  • August 10, 2024 10:03 am Asia/KolkataIST, Updated 8 months ago

नई दिल्ली: अभी कुछ दिनों पहले हमने देखा की प्रधानमंत्री शेख हसीना बांग्लादेश छोड़कर भाग गई. इसका वजह आपको पता ही होगा. वहीं उनमें से एक ऐसी वजह सामने आई  है, जिसको सुनते ही छात्रों का गुस्सा और बढ़ गया. जी हां… ये पूरी कहानी है एक पानी पिलाने वाले की मौत की. दरअसल, ये शख्स आंदोलन कर रहे शख्स को पानी बांटा करता था.

 

गोली मार दी गई

 

बता दें कि स्टूडेंट्स को पानी पिलाने वाला यह शख्स कोई और नहीं, बल्कि बांग्लादेश यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाला छात्र मीर महफूजुर रहमान मुग्धो था. जिस समय हिंसा हो रहा था, तब मुग्धो  प्रदर्शनकारियों को भोजन, पानी और बिस्कुट बांट रहा था. वहीं 18 जुलाई को उसको गोली मार दी गई, जिसके बाद सोशल मीडिया पर उसका वीडियो खूब वायरल हुआ.

 

तहमीन ने क्या बताया?

 

वीडियो में मुग्धो को हिंसा के बीच भागते हुए देखा गया. यह देखने के बाद छात्रों का गुस्सा और भड़क उठा. उसी दिन पूरे देश में मुग्धो को श्रद्धांजलि दी गई. वहीं ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, छात्राएं भी उनको पसंद करती हैं. मोहनगोर नर्सिंग कॉलेज की छात्रा तहमीना कहती हैं, मुझे लगता है कि मुग्धो के सम्मान में देश में उनके नाम का पानी का एक ब्रांड होना चाहिए.

 

मुग्धो को पीढ़ी याद रखे

 

दरअसल, ऐसा इसलिए किया जाए, क्योंकि उन्हें इस पीढ़ी से लेकर अगली पीढ़ी उन्हें याद रखे. हालांकि छात्रों ने यह भी मांग की है कि पानी बेचने वाली कंपनियां अपनी कमाई का एक हिस्सा निकालकर मुग्धो के परिवार को दें. हालांकि देखा जाए, तो कुछ स्‍टूडेंट मुग्धो की तरह ही चौराहों पर ट्रैफिक कंट्रोल करते हुए दिखें हैं, ताकि वे मुग्धो की यादें ताजा कर सकें.

 

मदद किया जाए

 

आंदोलन के बाद से छात्रा तहमीना सड़क पर ही मौजूद रही है और वो चाहती हैं कि बांग्लादेश को फिर से बनाने के लिए कुछ मदद दिया जाए. उन्होंने आगे कहा कि हम ऐसा बांग्लादेश बनाए, जहां सभी वर्गों के लोग सद्भावना से रह सकें. हालांकि देखा जाए, तो मुग्धो के लिए इससे बड़ी श्रद्धांजलि कुछ नहीं हो सकती.

 

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