नई दिल्ली: कनाडा की ससंद में नाजी लड़ाके को सम्मानित करने के लिए पीएम जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा की संसद की ओर से माफी मांगी है. हालांकि उन्होंने निजी तौर पर इस आरोप को स्वीकार नहीं किया. इस घटना को लेकर विपक्ष ने ट्रूडो पर निशाना साधा और कहा कि उन्हें माफी मांगनी चाहिए. गौरतलब है बीते 22 सितंबर को कनाडा की संसद में एक यूक्रेनी नागरिक यरोसलव हुंका को सम्मानित किया गया था. इतना ही नहीं उसे कनाडा और यूक्रेन का हीरो भी बताया गया था.
कनाडा की ससंद में नाजी ‘लड़ाके’ को सम्मानित करने के मामले में अब ट्रूडो ने संसद की ओर से माफी मांगी है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ट्रूडो ने इस मसले को लेकर मीडिया से बात की है. उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी गलती थी जिसने कनाडा और संसद दोनों को काफी शर्मिंदा किया है. उन्होंने कहा कि हम सभी जो शुक्रवार को इस सदन में थे उन सभी को इसका गहरा अफसोस है कि हमने उस सख्स के लिए खड़े होकर तालियां बजाईं. जबकि हमें उसके नाजी सेना में शामिल होने की जानकारी नहीं थी.
ट्रूडो ने मीडिया से बात करते हुए यह भी कहा कि यह सम्मान होलोकॉस्ट में मारे गए लाखों लोगों की बुरी यादों का उल्लंघन था. उन्होंने कहा कि यारोस्लाव हुंका को संसद में दिए गए सम्मान का दूसरे विश्वयुद्ध में टारगेट किए जाने वाले समुदाय पर दर्दनाक असर हुआ है. इनमें पोल्स, यहूदी, रोमा, समुदाय शामिल हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ट्रूडो ने यह भी कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को इसमें शामिल करने के लिए कनाडा को खेद है. उन्होंने कहा कि जेलेंस्की की वजह से ही हुंका की सराहना की गई.
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