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परवेज मुशर्रफ का दिल्ली में हुआ था जन्म, बंटवारे के बाद जाना पड़ा था पाकिस्तान

नई दिल्ली। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का निधन हो गया। परवेज मुशर्रफ लंबे समय से बीमार चल रहे थे, मीडिया रिपोर्टस के अनुसार मुशर्रफ ने दुबई के अस्पताल में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। मुशर्रफ पूर्व में पाकिस्तान के सेना प्रमुख के अलावा देश के राष्ट्रपति रह चुके हैं। परवेज मुशर्रफ का […]

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परवेज मुशर्रफ
  • February 5, 2023 12:22 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का निधन हो गया। परवेज मुशर्रफ लंबे समय से बीमार चल रहे थे, मीडिया रिपोर्टस के अनुसार मुशर्रफ ने दुबई के अस्पताल में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। मुशर्रफ पूर्व में पाकिस्तान के सेना प्रमुख के अलावा देश के राष्ट्रपति रह चुके हैं।

परवेज मुशर्रफ का जन्म 11 अगस्त 1943 को दिल्ली के दरियागंज में हुआ था। भारत के विभाजन के बाद उनका परिवार कराची जाकर बस गया, बाद में मुशर्रफ पाकिस्तान के राष्ट्रपति और सेना प्रमुख भी बने। मुशर्रफ ने साल 1999 में नवाज शरीफ की लोकतांत्रिक सरकार का तख्ता पलट कर पाकिस्तान की बागडोर संभाली थी और 20 जून 2001 से 18 अगस्त 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे थे।

भारत में हुआ जन्म

1943 में जन्मे मुशर्रफ का बचपन पुरानी दिल्ली की गलियों में बीता था। पुरानी दिल्ली में आज भी उनकी पुस्तैनी हवेली है, जो बेहद जर्जर हालत में है। साल 2001 में बतौर राष्ट्रपति भारत दौरे पर आए परेवज मुशर्रफ ने अपने दौरे के पहले दिन पुरानी दिल्ली के उस मकान को देखने पहुंचे थे, जहां उनका बचपन गुजरा था। हालांकि उस आलीशान घर को देखकर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता था कि मुशर्रफ उन दिनों पुरानी दिल्ली के जाने माने परिवार से ताल्लुक रखते थे। परवेज मात्र 4 साल के थे जब उनका परिवार पाकिस्तान चला गया था।

कागजात में मुशर्रफ के पिता का नाम

बता दें, पुरानी दिल्ली में रहने वाले बुजुर्गों के मुताबिक परवेज मुशर्रफ आजादी से पहले परिवार के साथ रहते थे। इसके साथ ही वह पुरानी दिल्ली के अमीर परिवारों से ताल्लुक रखते थे। अब इस हवेली में कई परिवार रहते हैं। हैरानी की बात यह है कि 2001 के समय जो लोग उस घर में रहते थे, उनमें से अधिकतर को इस बात की जानकारी भी नहीं थी कि उसके असली मालिक कौन हैं ?

अभी भी घर के असली कागजातों पर सारी जानकारियां उर्दू में लिखी हुई हैं, जिन पर मुशर्रफ के पिता के नाम से अंग्रेजी में हस्ताक्षर किए हुए हैं। आश्चर्य की बात यह है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक और अल्पसंख्यक समुदाय के नेता सर सैयद अहमद मुशर्रफ के पड़ोस वाले मकान में ही रहते थे। फिलहाल अब मुशर्रफ के पुराने घर के आस-पास के इलाके बहुत पॉश, संकरे और गंदे हो चुके हैं।

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