नई दिल्ली : अधिक सर्दी, गर्मी या बरसात होने से लोगों का जनजीवन प्रभावित हो जाता है. यहीं हाल इस समय अमेरिका के कैलीफोर्निया में हुआ है. कैलीफोर्निया में भारी बर्फबारी के चलते सड़कों पर बर्फ की मोटी परत जम गई है. सड़क पर इतनी अधिक बर्फ जम गई है कि प्रशासन ने लोगों को […]
नई दिल्ली : अधिक सर्दी, गर्मी या बरसात होने से लोगों का जनजीवन प्रभावित हो जाता है. यहीं हाल इस समय अमेरिका के कैलीफोर्निया में हुआ है. कैलीफोर्निया में भारी बर्फबारी के चलते सड़कों पर बर्फ की मोटी परत जम गई है. सड़क पर इतनी अधिक बर्फ जम गई है कि प्रशासन ने लोगों को वाहन लेकर सड़क पर निकलने से मना कर किया है. सड़क पर बर्फ जम जाने से रोड़ पर फिसलन काफी है.
आप इसका अनुमान तस्वीर देख कर लगा सकते है कि लोगों के वाहन बर्फ में पूरी तरह से ढक गए है. अमेरिका के कैलीफोर्निया में अचानक आया बर्फीला तूफान आर्कटिक सर्किल में बने दबाव की वजह से हुआ है. कैलीफोर्निया के लोग अपने वाहनों से बर्फ हटाते दिखाई दे रहे हैं.
आपको बता दें कि कैलीफोर्निया में इतनी अधिक बर्फबारी हुई है कि सड़क के किनारे वाहन बर्फ से पूरी तरह ढक गए है. बर्फीले तूफान ने पूरी तरह से जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. अमेरिका के कैलीफोर्निया डिपार्टमेंट ऑफ वाटर रिसोर्सेस ने बताया कि सिएरा नेवादा के पहाड़ों पर ठंडी में जितनी बर्फ रहती है उससे अधिक बर्फ इस समय है. कैलिफोर्निया के हाईवे पूरी तरह से बंद हो गए है.
इस समय उत्तर भारत के कई इलाके कड़ाके की ठंड झेल रहे हैं. जहां शीतलहर ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. पारा गिरकर 2 से 3 डिग्री पहुँच गया है. लेकिन क्या हो अगर हम आपको बताएं कि दुनिया में एक ऐसी भी जगह है जहां पारा माइनस 50 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है और फिर भी यहां इंसान रहते हैं. आइए जानते हैं दुनिया की सबसे ठंडी जगह के बारे में.
यह शहर रूस के सुदूर पूर्व में स्थित साइबेरिया का इलाका है जो दुनिया में सबसे ठंडा माना जाता है. इस जगह का नाम है याकुत्स्क जो रूस की राजधानी मॉस्को से 5000 KM पूर्व में स्थित है. क्योंकि इस जगह पर खनन अधिक है इसलिए यहां का पारा आमतौर पर माइनस 40 डिग्री तक गिर जाता है. यहां कोयला, सोना और हीरा का खनन होता है. जो यहां की अर्थव्यवस्था का सोर्स है.
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