नई दिल्ली। पाकिस्तान में धार्मिक जनसंख्या में बदलाव को लेकर हाल ही में जनगणना डेटा सामने आया है, जो चर्चा का विषय बना हुआ है। 2023 की जनगणना के मुताबिक पाकिस्तान में मुस्लिम आबादी में गिरावट दर्ज की गई है जबकि हिन्दू समेत अन्य अल्पसंख्यक धर्मों की जनसंख्या बढ़ी है। 2017 की जनगणना में पाकिस्तान […]
नई दिल्ली। पाकिस्तान में धार्मिक जनसंख्या में बदलाव को लेकर हाल ही में जनगणना डेटा सामने आया है, जो चर्चा का विषय बना हुआ है। 2023 की जनगणना के मुताबिक पाकिस्तान में मुस्लिम आबादी में गिरावट दर्ज की गई है जबकि हिन्दू समेत अन्य अल्पसंख्यक धर्मों की जनसंख्या बढ़ी है। 2017 की जनगणना में पाकिस्तान में 96.47% मुस्लिम थे लेकिन 2023 में 96% से कम हो गई है।
2017 की जनगणना के मुताबिक पाकिस्तान में 1.85% हिन्दू आबादी थी जो अब बढ़कर 2% हो गया है। पिछले 6 साल में हिन्दुओं की आबादी 3 लाख बढ़ी है। इसके अलावा ईसाई, सिख, बौद्ध और अहमदिया समुदायों की जनसंख्या में भी मामूली वृद्धि देखी गई है। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान में धर्मांतरण बढ़ी है लेकिन इसके आंकड़ें पर विश्वास करना कठिन है क्योंकि वहाँ अल्पसंख्यंकों के साथ ज्यादती की जाती है।
पाकिस्तान में मुस्लिमों की संख्या में आई गिरावट का मुख्य कारण प्राकृतिक हो सकता है। पाकिस्तान से हिंदू परिवारों का जबरन धर्मांतरण के मामले सामने आते रहते हैं। खासकर हिन्दू महिलाओं को जबरदस्ती इस्लाम कबूल करने पर जोर दिया जाता है। पाकिस्तान की सरकार धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने का दावा करती है लेकिन जमीनी हकीकत इससे अलग है।
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