यह जहाज कराची से दुबई होते हुए चटगांव पहुंचा। इस जहाज का संचालन दुबई की फीडर लाइन्स डीएमसीसी द्वारा किया गया और बांग्लादेश में इसके एजेंट के रूप में रीजेंसी लाइन्स लिमिटेड काम कर रही है। जहाज पर 997 कंटेनर लदे हैं, जिनमें से 780 कंटेनर चटगांव बंदरगाह पर उतारे जाएंगे।
नई दिल्ली: हाल ही में बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने मिस्र की राजधानी काहिरा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की, जहां दोनों नेताओं ने व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की। इसके बाद बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक रिश्तों में सुधार देखने को मिल रहा है। 21 दिसंबर को पाकिस्तान के कराची से दूसरा मालवाहक जहाज बांग्लादेश के चटगांव पोर्ट पहुंचा। इस जहाज का नाम एमवी युआन जियांग फा झान है।
रिपोर्ट के अनुसार, यह जहाज कराची से दुबई होते हुए चटगांव पहुंचा। इस जहाज का संचालन दुबई की फीडर लाइन्स डीएमसीसी द्वारा किया गया और बांग्लादेश में इसके एजेंट के रूप में रीजेंसी लाइन्स लिमिटेड काम कर रही है। जहाज पर 997 कंटेनर लदे हैं, जिनमें से 780 कंटेनर चटगांव बंदरगाह पर उतारे जाएंगे। कराची से कुल 678 कंटेनर लोड किए गए थे।
इस जहाज पर लदे सामान में चीनी, सोडा ऐश, डेनिम कपड़े, यार्न, सूखी मछली, यूपीएस, आलू, रेडिएटर कोर और अन्य सामग्री शामिल है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक बांग्लादेश के व्यापारियों को पाकिस्तान से सामान आयात करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसी तरह, 11 नवंबर को भी पाकिस्तान से एक मालवाहक जहाज बांग्लादेश पहुंचा था, जिसमें कुल 370 कंटेनर थे, जिनमें से 328 को चटगांव में उतारा गया। इस खेप में कपड़ा, प्याज, आलू, कार के पुर्जे, चूना पत्थर, सोडा ऐश, मैग्नीशियम कार्बोनेट और डोलोमाइट जैसी वस्तुएं थीं।
भारत के लिए यह नजदीकी चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि शेख हसीना के शासन में बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच संबंधों में खासी दूरी थी। लेकिन मोहम्मद यूनुस पाकिस्तान के साथ रिश्ते सुधारने के पक्षधर हैं और इसी कारण उन्होंने शहबाज शरीफ से दो बार मुलाकात की है। शेख हसीना के शासन में पाकिस्तान से आने वाले जहाजों की जांच अनिवार्य थी, लेकिन यूनुस सरकार ने इस नियम को हटा दिया है, जिसके बाद अब पाकिस्तान के जहाज बिना किसी रोक-टोक के चटगांव पहुंच सकेंगे।
यह सब याद दिलाता है कि 2004 में चटगांव बंदरगाह पर 1500 बक्से जब्त किए गए थे, जिनमें गोला-बारूद था। जांच में यह सामने आया था कि यह खेप पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़ी हुई थी और यह प्रतिबंधित संगठन उल्फा तक पहुंचने वाली थी। इस घटनाक्रम के बाद भारत के लिए यह चिंता का विषय बन गया है कि पाकिस्तान बांग्लादेश में कट्टरपंथी गतिविधिया बांग्लादेश में सक्रिय है.
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